Digital Census: भोपाल। भारत में अबकी बार जनगणना पूरी तरह डिजिटल होगी। 2026-27 में होने वाली जनगणना के लिए केंद्र सरकार ने तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए एक विशेष मोबाइल एप लॉन्च किया जाएगा, जो एंड्रॉइड और आईफोन दोनों पर उपलब्ध रहेगा। परिवार का मुखिया अपने घर-परिवार की पूरी जानकारी इस एप में भर सकेगा।
जानकारी भरने के बाद जनगणना कर्मचारी घर-घर जाकर क्रॉस चेक करेंगे और फिर डिजिटल फॉर्म पर अपलोड किया जाएगा। हर कर्मचारी को 150 से 175 घरों की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।
दो चरणों में पूरी होगी प्रक्रिया
जनगणना दो चरणों में होगी—
- पहला चरण : 1 अप्रैल 2026 से मकानों की गिनती।
- दूसरा चरण : 1 फरवरी 2027 से जनसंख्या, जाति और अन्य विवरण का संग्रह।
इसके लिए सरकार ने 16 जून 2024 को अधिसूचना जारी की थी। आजादी के बाद यह देश की आठवीं और कुल 16वीं जनगणना होगी।
कर्मचारियों की तैनाती और ट्रेनिंग
जनगणना के लिए देशभर में करीब 34 लाख कर्मचारियों को नियुक्त किया गया है। इन्हें राष्ट्रीय स्तर से लेकर फील्ड स्तर तक तीन चरणों में प्रशिक्षण दिया जाएगा। फरवरी 2026 तक प्रदेश में डेढ़ लाख कर्मचारियों की तैनाती कर दी जाएगी।
एमपी में प्री टेस्ट
जनगणना शुरू होने से पहले हर राज्य के 3 जिलों में प्री टेस्ट किया जाएगा। मध्यप्रदेश में ग्वालियर, रतलाम और सिवनी का चयन हुआ है। यहां अक्टूबर-नवंबर 2025 में 15 दिन का विशेष अभियान चलेगा।
सीमाओं में बदलाव की अंतिम तिथि
गड़बड़ी रोकने के लिए 31 दिसम्बर 2025 तक प्रशासनिक सीमाओं में बदलाव पूरे करने होंगे। 1 जनवरी 2026 से 31 मार्च 2027 तक सीमाएँ फ्रीज रहेंगी। गृह विभाग ने नगरीय विकास, वन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास और राजस्व विभाग को समय सीमा में प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए हैं।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
देश में पहली बार 1881 में जनगणना हुई थी। इसके बाद से हर 10 साल पर जनगणना होती रही है। पिछली बार 2011 में जनगणना हुई थी। 2021 में प्रस्तावित जनगणना कोविड-19 के कारण टल गई थी।
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