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Betulwani special: सरकारी कार्यालयों में घुसने लगा सब्जी बाजार

सरकारी कार्यालयों में

अधिकारी-जनप्रतिनिधियों के नियंत्रण से बाहर निकला बाजार
नंदी चौक पर सुबह लगवाया बाजार, शाम को हटा

Betulwani special: बैतूल। गंज क्षेत्र में हर सड़क पर सब्जी बाजार लगने के कारण होने वाली परेशानियों को देखते हुए जनप्रतिनिधि और अधिकारी लंबे समय से मीटिंग लेकर इस समस्या का हल निकालने में लगे थे। सबसे पहले कांतिशिवा टाकिज के बाजू में फल बाजार का बोर्ड लगाया गया लेकिन कोई भी ठेला व्यवसायी वहां नहीं पहुंचा। यहां तक कि अधिकारी इन व्यवसायियों को वहां नहीं ले जा पाए। इसके बाद गंज में जर्जर प्रायमरी स्कूल की बिल्डिंग हटाकर रिक्त भूमि पर पेविंग ब्लाक लगाकर साप्ताहिक बाजार एवं फल व्यवसायियों को शिफ्ट करने की बात चली। इसको लेकर भी लग एक वर्ष बीत चुका है। कल इन व्यवसायियों को इस जगह पर बैठाया गया लेकिन शाम तक ये वापस अपनी-अपनी जगह पर पहुंच गए। क्या प्रशासन के अधिकारियों के पास इतनी ताकत नहीं है कि वे अधिकारों का उपयोग कर इन्हें इसी नंदी चौक की जगह पर बैठने को मजबूर कर सके।


170 दुकानें लगाने की थी मार्किंग


नपा ने 170 दुकानें लगाने मार्किंग की थी, सभी फल और सब्जी कारोबारियों को यहां दुकानें अनिवार्य रूप से लगाने के लिए लंबे समय से मुनादी करवाई जा रही थी। शनिवार को नपा अमले ने पूरा दम झोंक दिया कि बाजार यहां नंदी चौक के समीप पेवर ब्लॉक वाली जगह पर लगे। इसमें नपा का राजस्व अमला कामयाब भी रहा, अधिकांश दुकानदार खुद 8 बाई 8 की आवंटित की जगह पर बैठे। लेकिन शाम होते तक अधिकांश फल कारोबारी यहां से पुरानी जगहों पर वापस चले गए। जो फल दुकानें कांतिशिवा चौराहे, तांगा स्टैंड, बिजासनी माता मंदिर के समीप से हटी थीं वे दोबारा शाम को वहीं आ गईं।


पुलिस सहायता केंद्र हटा, फल वाला नहीं


गंज में पिंजामल किराना दुकान के बाजू में लंबे समय से पुलिस सहायता केंद्र की गुमठी रखी हुई थी जिस पर एक फल वाले ने कब्जा कर लिया था। पुलिस सहायता केंद्र में बिक रहे फल शीर्षक से खबर छपने के बाद संबंधित अधिकारियों ने पुलिस सहायता केंद्र ही उठाकर ले गए लेकिन उनकी फल वाले को हटाने की हिम्मत नहीं हुई। अब इसी स्थान पर तीन फल वाले डंके की चोट पर बैठ रहे हैं। पुलिस, नगर पालिका और राजस्व विभाग के अधिकारी कई बार यहां से फल वालों को हटाने के लिए चेतावनी दे चुके हैं लेकिन इस चेतावनी का आज तक असर नहीं हुआ है।


50 करोड़ की भूमि की थी आवंटित


शहर में धीरे-धीरे सब्जी की दुकानें हर सड़क पर लगने लगी है। वर्षों पहले फूटे तालाब के बाजू में नजूल सीट नंबर 15 के प्लाट नं. 7/3 की 89 हजार 610 वर्गफीट भूमि सरकार ने साप्ताहिक बाजार लगाने के लिए बाजार शिफ्ट करने के लिए हस्तांतरित कर दी थी। नजूल रिकार्ड में यह भूमि साप्ताहिक बाजार मद में प्रबंध नगर पालिका परिषद बैतूल के नाम से दर्ज है। नगर पालिका परिषद बैतूल को राजस्व प्रकरण क्रं. 5/अ-20(2) वर्ष 2004-2005 आदेश दिनांक 11 मार्च 2005 से अदला-बदली कर साप्ताहिक बाजार में हस्तांतरित की गई थी। इस भूमि की वर्तमान में कीमत लगभग 50 करोड़ रुपए है। लेकिन इसके बावजूद पिछले 20 वर्ष में यहां साप्ताहिक बाजार हस्तांतरित नहीं हुआ। और हालात अब यह हो गए हैं कि कोठीबाजार की हर सड़क, कालेज रोड से गंज तक और गंज में हर सड़क पर तथा सदर में न्यायाधीशों के निवास से लेकर अन्य अधिकारियों के दरवाजों तक सब्जी बाजार पहुंच गया है। इस दौरान लगभग 10 सीएमओ बदल चुके हैं।


न्यायालय तक पहुंचा था मामला


शहर के जागरूक युवाओं एवं वकीलों ने वर्ष 2017-2018 में जिला न्यायालय में जनहित याचिका दायर की थी जिसमें साप्ताहिक बाजार को अनियंत्रित किए जाने की मांग की थी। उनका तर्क था कि क्षेत्र में मुख्य सड़क के दोनों तरफ बाजार लगने से यातायात तो प्रभावित होता ही है आपातकालीन स्थिति में फायद बिग्रेड और एम्बुलेंस के आने जाने में भी कई परेशानी होती है। इस प्रकरण में अधिकारियों ने यह जवाब दिया था कि नगर पालिका के पास 89610 वर्गफु ट भूमि साप्ताहिक बाजार के लिए हैं। इसलिए साप्ताहिक बाजार प्रायोजन के लिए अन्य भूमि आवंटित किया जाना संभव नहीं है। इस प्रकरण में हुए आदेश के बाद यह स्पष्ट हो गया था कि फूटे तालाब के पास इस भूमि पर साप्ताहिक बाजार लग सकता है लेकिन 8 वर्ष बाद भी स्थिति ज्यों की त्यों है।


सरकारी दफ्तरों में घुसने लगा बाजार


सदर क्षेत्र में हालात इतनी खराब हो गई है कि सब्जी बाजार जल संसाधन कार्यपालन यंत्री कार्यालय परिसर में तक पहुंच गया है। वहीं पीएचई आफिस जाने वाले मार्ग हालत इतनी खराब हो गई है कि पैदल चलना तक दुभर हो गया है। रोड पर लगी दुकानों पर लोग दुपहिया वाहन खड़े कर सब्जी खरीदने के कारण पैदल निकलने में भी परेशानी होने लगी है। वहीं सड़क के बीचों बीच फलों के ठेले खड़े हो रहे हैं। नपाकर्मी सिर्फ बाजार वसूली के लिए पहुंचते हैं। लेकिन दुकानदारों को व्यवस्थित होने के लिए नहीं कहते हैं। यही स्थिति शासकीय कन्या महाविद्यालय के सामने की थी है जहां कालेज के गेट तक दुकानें लगी रही हैं।


पहले बाजार के लिए थे दिन निश्चित


वर्षों से बैतूल शहर में साप्ताहिक बाजार लगाए जाने के लिए दिन निश्चित रहते थे जिनमें कोठीबाजार क्षेत्र में गुरुवार एवं रविवार, गंज क्षेत्र में बुधवार एवं शनिवार, सदर क्षेत्र में गुरुवार एवं रविवार तथा कालापाठा क्षेत्र में मंगलवार को साप्ताहिक बाजार लगता था लेकिन लाकडाऊन के बाद इन क्षेत्रों के अलावा शहर की गलियों-गलियों में इन मुख्य बाजारों में भी सातों दिन बाजार लग रहा है। वहीं सब्जी बाजार की आड़ में अतिक्रमणकारियों के हौसले बुलंद हो हैं, शहर का कोई कोना भी नहीं छूटा है जहां रोज नई-नई गुमठियां लगती दिखाई दे रही हैं और संबंधित अधिकारी-कर्मचारी आंख बंद करके बैठे हैं।

नपा चला रहे गिंटू और पिंटू
कल पढिए

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