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Reorganization: भाजपा में राजनीतिक नियुक्तियों की शुरुआत — आयोगों और समितियों में कार्यकर्ताओं को मिलेगी जिम्मेदारी

भाजपा में राजनीतिक नियुक्तियों की

दीनदयाल समितियों का होगा पुनर्गठन

Reorganization: भोपाल। मध्य प्रदेश भाजपा की प्रदेश कार्यकारिणी घोषित होने के बाद अब राजनीतिक नियुक्तियों का सिलसिला शुरू हो गया है। विधानसभा चुनाव 2023 के बाद से ही भाजपा के कई नेता निगम-मंडल और आयोगों में नियुक्तियों की प्रतीक्षा कर रहे थे। अब सरकार ने लगभग दो साल बाद प्रक्रिया शुरू कर दी है, लेकिन नियुक्तियां एक साथ न होकर चरणबद्ध तरीके से की जाएंगी।

पिछले सप्ताह दिव्यांगजन आयुक्त के पद पर अजय खेमरिया की नियुक्ति के बाद अब निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के अध्यक्ष पद पर डॉ. खेमसिंह डेहरिया (पूर्व कुलपति, अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय) की नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है। यह पद करीब एक वर्ष से रिक्त था और फिलहाल एक्सटेंशन पर चल रहा है।

आयोगों में नियुक्तियों की प्रक्रिया जारी


सूत्रों के अनुसार, उच्च शिक्षा विभाग के अधीन आने वाले निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग में सचिव के रूप में दिनेश गुर्जर और प्रशासनिक सदस्य के रूप में सेवानिवृत्त आईएएस महेश चौधरी की नियुक्ति की संभावना है।
महेश चौधरी पहले मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के ओएसडी रह चुके हैं।

दीनदयाल अंत्योदय समितियों का पुनर्गठन


भाजपा सरकार अब कार्यकर्ताओं को प्रशासनिक जिम्मेदारी देने की दिशा में काम कर रही है। इसके तहत दीनदयाल अंत्योदय समितियों का पुनर्गठन किया जाएगा। ये समितियां सरकारी योजनाओं की निगरानी और स्थानीय प्रशासन के साथ समन्वय का कार्य करेंगी।
इन समितियों को “मध्य प्रदेश लोक अभिकरणों के माध्यम से दीनदयाल अंत्योदय कार्यक्रम का क्रियान्वयन अधिनियम 1991” और 20 सूत्रीय कार्यक्रम के तहत अधिकार संपन्न बनाया जाएगा।

34 साल बाद कार्यकर्ताओं को मिलेगा भत्ता और अधिकार


इन समितियों के सदस्यों को यात्रा भत्ता और दैनिक भत्ता देने की व्यवस्था भी की जा रही है — जो 34 साल बाद पहली बार लागू होगी। पहले चरण में समितियों का गठन गांव से लेकर राजधानी भोपाल तक किया जाएगा। इसके बाद सहकारी समितियों के चुनाव करवाकर कार्यकर्ताओं की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।

सत्ता में कार्यकर्ताओं की भूमिका मजबूत होगी


भाजपा सरकार “सत्ता में कार्यकर्ताओं की भागीदारी” के मॉडल पर काम कर रही है। पुनर्गठित समितियों में मुख्यमंत्री राज्य स्तर पर और जिला स्तर पर प्रभारी मंत्री अध्यक्ष होंगे। इसके अलावा एससी-एसटी वर्ग और महिलाओं के लिए पद आरक्षित रहेंगे, जिससे सत्ता में समावेशी भागीदारी सुनिश्चित हो सके।

साभार… 

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