Fraud: मुलताई। बैतूल रोड स्थित ड्रीम लेंड सिटी कॉलोनी के रहवासियों ने सोमवार को पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचकर कॉलोनाइजरों के खिलाफ दर्ज आपराधिक प्रकरण में शीघ्र गिरफ्तारी और चालान पेश करने की मांग की। रहवासियों ने आवेदन देकर आरोप लगाया कि कॉलोनाइजरों द्वारा वर्षों से मूलभूत सुविधाओं की अनदेखी की जा रही है और सरकारी भूमि पर अवैध निर्माण कर धोखाधड़ी की गई है।
2008 से बन रही कॉलोनी, 543 भूखंडों की बिक्री
आवेदन में बताया गया कि वर्ष 2008-09 से महाराष्ट्र के यवतमाल और वर्धा जिले के आर्वी शहर के कॉलोनाइजर द्वारा मुलताई में करीब 19.950 हेक्टेयर भूमि पर आवासीय परियोजना विकसित की जा रही है। कॉलोनाइजरों ने 792 में से 543 भूखंडों की बिक्री तो कर दी, लेकिन जल, नाली, सड़क, बिजली जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराईं।
सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे का आरोप
रहवासियों ने आरोप लगाया कि कॉलोनाइजर ने नाला मद की शासकीय भूमि (खसरा नंबर 4, रकबा 0.134 हेक्टेयर) को हड़पने के उद्देश्य से नगर एवं ग्राम निवेश से स्वीकृत ले-आउट के विपरीत जाकर प्राइवेट इंजीनियर से जाली नक्शा तैयार कराया। इसके बाद सरकारी भूमि में 8 भूखंडों, सड़क और नाली का निर्माण कर प्रभावित 4 भूखंडों को पंजीकृत विक्रय पत्र के माध्यम से बेच दिया गया।
एक साल बाद भी नहीं हुई गिरफ्तारी
रहवासियों ने बताया कि इस कृत्य पर कलेक्टर के निर्देश पर नगर पालिका अधिकारी मुलताई द्वारा पुलिस थाने में 1 सितंबर 2024 को अपराध क्रमांक 639/2024 दर्ज किया गया था। शुरुआत में अपराध धारा 420, 120-बी के तहत दर्ज हुआ था, बाद में जांच के दौरान धारा 467, 468, 471 भी जोड़ी गई।
रहवासियों का कहना है कि आईजी की अनुमति होने के बावजूद एक साल बीत जाने पर भी आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई और न ही न्यायालय में चालान प्रस्तुत किया गया।
कार्रवाई न होने से बढ़ रहे आरोपियों के हौसले
रहवासियों ने चेतावनी दी कि लगातार देरी से आरोपियों के हौसले बुलंद हो रहे हैं। उन्होंने पुलिस अधीक्षक से अनुरोध किया है कि प्रकरण में शीघ्र गिरफ्तारी की जाए और विवेचना पूरी कर चालान न्यायालय में प्रस्तुत किया जाए, ताकि पीड़ितों को न्याय मिल सके।
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