मां बोली– “जिसे दवा समझा, वही जहर निकली
Death of an innocent: मऊगंज (मध्य प्रदेश)। मऊगंज जिले के शाहपुर क्षेत्र के खटखरी गांव में साढ़े चार महीने के मासूम की संदिग्ध कफ सिरप पीने से मौत हो गई। बिना डॉक्टर की पर्ची और जांच के मेडिकल स्टोर संचालक ने खुद ही बच्चे को सिरप पिलाई, जिसके कुछ मिनट बाद ही उसकी मौत हो गई। घटना के बाद प्रशासन ने बच्चे का शव कब्र से निकालकर पोस्टमॉर्टम कराया। फिलहाल आरोपी संचालक को गिरफ्तार कर मेडिकल स्टोर सील कर दिया गया है।
मासूम धर्मेंद्र की मां श्वेता यादव ने रोते हुए कहा, “पता नहीं था कि जिसे दवा समझकर अपने जिगर के टुकड़े को पिला रही हूं, वह जहर है। 9 महीने कोख में रखा, 20 मिनट में मुझसे छीन लिया गया। उसके बिना जीने की इच्छा नहीं है। मेरी जैसी दूसरी मां को यह दर्द न झेलना पड़े, बस इतना न्याय मिल जाए।”
परिवार ने बताया कि 24 अक्टूबर को बच्चे को हल्की सर्दी-खांसी थी। मां श्वेता विक्स लेने के लिए खटखरी बाजार स्थित विनोद मेडिकल स्टोर पहुंचीं। संचालक जितेंद्र गुप्ता ने बिना चिकित्सीय सलाह के तीन सिरप दीं और खुद ही एक सिरप बच्चे को पिला दी। उसने कहा था— “तुरंत आराम हो जाएगा।” लेकिन घर पहुंचते-पहुंचते बच्चे की सांसें बंद हो गईं।
बिना शिकायत दर्ज कराए परिवार ने गांव में ही बच्चे का अंतिम संस्कार कर दिया। घटना की जानकारी बाद में प्रशासन तक पहुंची, जिसके बाद 29 अक्टूबर को शव को कब्र से निकालकर पोस्टमॉर्टम कराया गया।
ग्रामीणों ने बताया कि संचालक पिछले 20 साल से बिना लाइसेंस मेडिकल स्टोर चला रहा था। वह इंजेक्शन लगाने और बुखार-मलेरिया जैसी बीमारियों का इलाज भी करता था।
थाना प्रभारी अजय खोब्रागड़े ने बताया कि आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। वहीं, सीएमएचओ संजीव शुक्ला ने कहा कि मेडिकल स्टोर को सील कर सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं।
घटना के बाद भी पीड़ित परिवार को कोई आर्थिक मदद नहीं मिली है। बच्चे के पिता मुंबई से वापस लौट आए हैं और परिवार गहरे सदमे में है।
इस बीच, गुढ़ विधायक नागेंद्र सिंह ने सीएम को पत्र लिखकर सीएमएचओ पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा— “स्वास्थ्य विभाग में भ्रष्टाचार और अवैध मेडिकल स्टोरों की खुली छूट के कारण लोगों की जान जा रही है।”
ग्राउंड रिपोर्ट:
खटखरी गांव में उस बच्चे की कब्र के पास अब भी उसका कपड़ा और कफ सिरप का खाली खोखा पड़ा है। मां श्वेता बार-बार कहती हैं— “जिसे दवा समझा, वही जहर निकली।”साभार…
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