राज्य सरकार के समक्ष अपील का निर्देश
Instruction: जबलपुर। छिंदवाड़ा में जहरीले कफ सिरप से 25 मासूमों की मौत के मामले में कटारिया फार्मास्यूटिकल के संचालक राजपाल कटारिया को मध्यप्रदेश हाईकोर्ट से कोई राहत नहीं मिली है। अदालत ने उनका लाइसेंस निरस्त किए जाने के खिलाफ दायर याचिका का निपटारा करते हुए निर्देश दिया है कि वे अपनी अपील राज्य सरकार के समक्ष पेश करें।
शनिवार को जस्टिस विशाल मिश्रा की एकल पीठ ने मामले की सुनवाई की। कटारिया ने अपनी याचिका में कहा था कि वे जबलपुर निवासी हैं और लंबे समय से दवाओं का थोक व्यापार कर रहे हैं। उनके मुताबिक, वे बेंगलुरु स्थित श्री सन फार्मा द्वारा निर्मित कोल्डड्रिफ कफ सिरप की आपूर्ति छिंदवाड़ा में कर रहे थे।
गौरतलब है कि इस कफ सिरप के सेवन से छिंदवाड़ा जिले में 25 बच्चों की मौत हो गई थी। इसके बाद जबलपुर ड्रग लाइसेंस अथॉरिटी ने 11 अक्टूबर को कटारिया फार्मास्यूटिकल का लाइसेंस निरस्त कर दिया था।
राजपाल कटारिया ने इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी और लाइसेंस निरस्तीकरण पर अंतरिम रोक (स्टे) की मांग की थी।
राज्य सरकार की ओर से शासकीय अधिवक्ता सुमित रघुवंशी ने अदालत को बताया कि ड्रग्स रूल्स, 1945 के नियम 66(2) के तहत लाइसेंस रद्द होने पर राज्य सरकार के समक्ष अपील दाखिल करने का स्पष्ट प्रावधान है। अदालत ने इसी आधार पर याचिका का निपटारा कर दिया।
साभार…
Leave a comment