2024 में चुनाव न लड़ने का कारण भी बताया
Big statement: भोपाल। भारतीय राजनीति की प्रखर और स्पष्टवादी नेता तथा मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने शनिवार शाम टीकमगढ़ में आयोजित पत्रकार वार्ता में कई मुद्दों पर खुलकर अपनी बात रखी। यह कार्यक्रम उनके बड़े भाई स्वर्गीय स्वामी प्रसाद के फार्महाउस में आयोजित किया गया था।
“2029 में हर हाल में लड़ूंगी लोकसभा चुनाव”
आगामी लोकसभा चुनावों को लेकर उमा भारती ने बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा कि
“2029 में मैं हर हाल में झांसी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ूंगी।”
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि 2024 का लोकसभा चुनाव उन्होंने इसलिए नहीं लड़ा क्योंकि वह उस समय गंगा सफाई अभियान में पूरी तरह व्यस्त थीं।
बिहार की शराबबंदी का श्रेय नीतीश कुमार को
पत्रकारों से बातचीत में उमा भारती ने सबसे पहले बिहार की शराबबंदी का ज़िक्र किया। उन्होंने कहा—
“बिहार में शराबबंदी नीतीश कुमार की दृढ़ इच्छा शक्ति के कारण सफल हुई। उनके विधायक भी शराब बेचते रहे, लेकिन नीतीश नहीं डिगे, तभी यह संभव हो सका।”
उन्होंने मध्य प्रदेश में शराबबंदी की अनिवार्य शर्त बताई—
“समाज की भागीदारी के बिना शराबबंदी संभव ही नहीं है।”
एसआईआर बहस पर कांग्रेस पर हमला
देश में चल रही SIR (Security & Identification Reforms) बहस पर उमा भारती ने कांग्रेस पर राजनीति करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यह कदम देश की सुरक्षा के लिए जरूरी है और इसे राष्ट्रीय हित में देखा जाना चाहिए।
हिंदू राष्ट्र पर बयान: “भारत सांस्कृतिक रूप से हिंदू राष्ट्र है”
हिंदू राष्ट्र पर अपनी विचारधारा स्पष्ट करते हुए उमा भारती ने कहा—
“भारत सांस्कृतिक रूप से हिंदू राष्ट्र है और हमेशा रहेगा। यह सांप्रदायिकता का नहीं, सांस्कृतिक पहचान का विषय है।”
प्रेम विवाह पर प्रगतिशील रुख
उमा भारती ने प्रेम विवाह को लेकर प्रगतिशील और आधुनिक दृष्टिकोण व्यक्त किया। उन्होंने कहा—
“यदि दोनों परिवार सहमत हों, तो जाति कोई बाधा नहीं होनी चाहिए।”
उन्होंने संतोष वर्मा के विवादित बयान की भी निंदा की।
टीकमगढ़ के ग्रामीण इलाकों में समाज की पहल से शराबबंदी
उमा भारती ने बताया कि टीकमगढ़ के कई ग्रामीण क्षेत्रों में समाज ने स्वयं पहल कर शराबबंदी लागू की है। उन्होंने कहा—
“शराबबंदी और गौ सेवा समाज का काम है। शासन और जनता दोनों को मिलकर यह जिम्मेदारी निभानी होगी।”
स्पष्टवादी छवि फिर उभरी
पत्रकार वार्ता में उमा भारती का वही पुराना, स्पष्ट, निडर और सामाजिक सरोकारों से जुड़ा स्वर पुनः दिखाई दिया।
उनके राजनीतिक संदेश से लेकर सामाजिक मुद्दों पर राय तक—उन्होंने हर सवाल का बेबाकी से जवाब दिया।
साभार…
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