A unique decision : बैतूल । अपर जिला न्यायाधीश आमला कोर्ट ने एक अनूठा फैसला सुनाते हुए पति-पत्नी के बीच एकपक्षीय तलाक को निरस्त कर दिया। इस फैसले का आधार दोनों के बेटे की गवाही को बनाया गया।
क्या है मामला?
🔹 2013 में प्रेम विवाह करने वाले इस दंपती के बीच विवाद हुआ, जिसके बाद पत्नी ने तलाक की अर्जी दी।
🔹 पत्नी ने आरोप लगाया कि पति शराब का आदी है और परिवार की जिम्मेदारियां नहीं निभाता।
🔹 पति ने पत्नी पर झूठे आरोप लगाने और सोशल मीडिया पर निजी जानकारी सार्वजनिक करने का आरोप लगाया।
🔹 पति की गैरमौजूदगी में कोर्ट ने एकपक्षीय तलाक मंजूर कर दिया।
पति ने किया तलाक को चुनौती
पति के वकील राजेंद्र उपाध्याय ने कोर्ट में चुनौती देते हुए कहा कि वह पत्नी के साथ दांपत्य जीवन बिताना चाहता है और बेटा भी पिता के साथ रहता है।
बेटे की गवाही बनी निर्णायक
✅ बच्चे ने कोर्ट में कहा कि वह माता-पिता दोनों के साथ रहना चाहता है।
✅ उसने यह भी बताया कि मां से काफी समय से मुलाकात नहीं हुई।
✅ दहेज प्रताड़ना के आरोपों की पुष्टि नहीं हुई।
✅ सोशल मीडिया पर निजी जानकारी साझा करने के आरोप साबित नहीं हुए।
कोर्ट का फैसला
👉 बेटे के भविष्य को ध्यान में रखते हुए अदालत ने तलाक को निरस्त कर दिया।
👉 कोर्ट ने दंपती को एक साथ रहने और रिश्ते को सुधारने का अवसर दिया।
Leave a comment