चंदनोत्सव के दौरान हुआ हादसा
Accident: विशाखापट्टनम | आंध्र प्रदेश के प्रसिद्ध श्री वराह लक्ष्मी नरसिंह स्वामी मंदिर में मंगलवार देर रात उस समय मातम छा गया जब चंदनोत्सव के दौरान मंदिर की एक दीवार का 20 फीट लंबा हिस्सा ढह गया। हादसे में 8 श्रद्धालुओं की मौत हो गई और 4 गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना रात 2:30 से 3:00 बजे के बीच की है, जब भारी बारिश हो रही थी और बड़ी संख्या में श्रद्धालु भगवान नरसिंह के दर्शन के लिए मौजूद थे। मंदिर परिसर में चल रहे चंदनोत्सव में भक्तों की भारी भीड़ थी। यह पर्व उस मान्यता पर आधारित है जिसमें भगवान नरसिंह भक्तों को अपने वास्तविक रूप में दर्शन देते हैं।
मौके पर तुरंत शुरू हुआ राहत कार्य
जिले के कलेक्टर हरेंद्र प्रसाद ने बताया कि NDRF और SDRF की टीमों ने रेस्क्यू अभियान पूरा कर लिया है। राज्य की गृह और आपदा प्रबंधन मंत्री वंगलापुड़ी अनिता भी मौके पर पहुँचीं और राहत व चिकित्सा व्यवस्था की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि घायलों के इलाज में कोई लापरवाही न हो। घटना की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए गए हैं।
पीएम मोदी ने जताया शोक, मुआवजे का ऐलान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे पर दुख जताते हुए ट्वीट किया, “विशाखापट्टनम में हादसे की खबर दुखद है। मृतकों के परिजनों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं। घायल जल्द ठीक हों, यही प्रार्थना है।” प्रधानमंत्री राहत कोष से मृतकों के परिवारों को ₹2 लाख और घायलों को ₹50,000 की आर्थिक सहायता दी जाएगी।
भक्तों से भरा था मंदिर, चंदनोत्सव में दर्शन का विशेष महत्व
मंगलवार रात श्रद्धालु सिंहगिरी पर्वत स्थित मंदिर में उमड़े थे। परंपरा के अनुसार, इस रात भगवान नरसिंह को चंदन से जगाया जाता है और उनकी सेवा विशेष विधि से की जाती है। मंदिर ट्रस्ट के वंशज पुसापति अशोक गजपतिराजू को पहला दर्शन कराया गया। इसके बाद राजस्व मंत्री अंगनी सत्य प्रसाद ने रेशमी वस्त्र अर्पित किए। सुरक्षा प्रोटोकॉल के तहत सुबह 3 से 6 बजे तक दर्शन की व्यवस्था की गई थी। इसी समय पर दीवार गिरने की घटना हुई, जिसने पूरे आयोजन को शोक में बदल दिया।
मंदिर प्रशासन और सरकार पर उठ रहे हैं सवाल
इस हादसे ने मंदिर प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े कर दिए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि भारी बारिश और भीड़भाड़ को देखते हुए सुरक्षा प्रबंध पहले से मजबूत किए जाने चाहिए थे।
साभार…
Leave a comment