Achievement: ग्वालियर, DRDE: देश के रक्षा अनुसंधान संस्थान DRDO की ग्वालियर स्थित रक्षा अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान (DRDE) लैब ने रासायनिक युद्ध (Chemical Warfare) से रक्षा के लिए एक क्रांतिकारी डिवाइस विकसित की है। ‘ACADA’ (ऑटोमैटिक केमिकल एजेंट डिटेक्टर और अलार्म) नामक यह डिवाइस हवा में घुले केमिकल के बारीक कणों को पकड़कर तुरंत ऑडियो और वीडियो अलर्ट देगा।
🔹 भारत बना चौथा देश: इस तकनीक को विकसित करने वाला भारत अब अमेरिका, रूस और फ्रांस के बाद चौथा देश बन गया है।
🔹 80% से अधिक स्वदेशी कंपोनेंट्स: ‘ACADA’ को आत्मनिर्भर भारत मिशन और ‘मेक इन इंडिया’ के तहत विकसित किया गया है।
🔹 भारतीय सेना और वायुसेना ने दी मंजूरी: हाल ही में 223 यूनिट का ऑर्डर दिया गया, जिसकी कीमत लगभग 80 करोड़ रुपये है।
ACADA: कैसे करता है काम?
- यह डिवाइस हवा में मौजूद किसी भी जहरीले रासायनिक एजेंट का तुरंत पता लगाकर सुरक्षा बलों को सतर्क करता है।
- इसमें ऑटोमैटिक अलार्म सिस्टम है, जो ऑडियो और विजुअल अलर्ट जारी करता है।
- युद्धक्षेत्र और संवेदनशील स्थानों पर रासायनिक हमलों के प्रभाव को कम करने में यह महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
वैज्ञानिक डॉ. सुशील बाथम की 15 वर्षों की मेहनत
👉 2010 से इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू किया।
👉 2015 में सफलता मिली।
👉 डिवाइस के विकास में 25 से 30 लाख रुपये का खर्च आया।
👉 बेंगलुरु में तैनाती के दौरान पारिवारिक संकट के बावजूद अपने प्रोजेक्ट को प्राथमिकता दी।
तकनीक हस्तांतरण और बड़े पैमाने पर उत्पादन
- इस डिवाइस को बड़े पैमाने पर उत्पादन के लिए एल एंड टी, बेंगलुरु को तकनीक हस्तांतरित की गई।
- 14 दिसंबर 2021 को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस ट्रांसफर को मंजूरी दी।
- ‘ACADA’ भारत की रक्षा क्षमताओं को और मजबूत करने वाला एक महत्वपूर्ण आविष्कार है। यह स्वदेशी रक्षा तकनीक में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ी छलांग है और आने वाले समय में इसे भारतीय सुरक्षा बलों और अंतरराष्ट्रीय रक्षा बाजार में बड़ा मुकाम मिल सकता है।
- source internet… साभार….
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