Agitation: अधिवक्ता संशोधन बिल 2025 को लेकर वकीलों का विरोध गंभीर मुद्दा है। उनके विरोध के पीछे कई कारण हैं, जो वकालत पेशे की स्वतंत्रता, अधिकार और स्वायत्तता से जुड़े हैं।
वकीलों के विरोध के प्रमुख कारण:
1️⃣ विदेशी अधिवक्ताओं और फर्मों को भारत में पैरवी करने की अनुमति – इससे भारतीय वकीलों के लिए प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और उनके हितों पर असर पड़ सकता है।
2️⃣ कॉर्पोरेट वकीलों को अदालत में पैरवी का अधिकार – इससे पारंपरिक वकीलों की प्रैक्टिस पर असर पड़ सकता है।
3️⃣ बार काउंसिल और राज्य अधिवक्ता परिषद में सरकारी सदस्यों की नियुक्ति – इससे स्वायत्तता खत्म होने का डर है।
4️⃣ वकीलों के खिलाफ उपभोक्ता आयोग में शिकायत दर्ज करने का प्रावधान – इससे उनका पेशा कानूनी सुरक्षा से बाहर हो सकता है।
5️⃣ कार्य से विरत न रहने का नियम – इससे हड़ताल और विरोध करने का अधिकार सीमित हो सकता है।
6️⃣ अभद्र व्यवहार पर जुर्माना और लाइसेंस निलंबन – यह वकीलों की स्वतंत्रता पर असर डाल सकता है।
क्या हो सकता है आगे?
✅ वकील राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपेंगे – इससे राष्ट्रीय स्तर पर दबाव बनाया जाएगा।
✅ बार काउंसिल ऑफ इंडिया 23 फरवरी को बैठक करेगी – इससे आगे की रणनीति तय होगी।
✅ 28 फरवरी तक सुझाव मांगे गए हैं – अगर इस अवधि में व्यापक विरोध हुआ तो सरकार कुछ बदलाव कर सकती है।
अगर यह बिल बिना बदलाव के पारित होता है, तो वकीलों की स्वायत्तता और अधिकारों पर प्रभाव पड़ सकता है। अब देखना होगा कि सरकार इस पर क्या रुख अपनाती है।
source internet… साभार….
Leave a comment