11 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट
Alert: भोपाल। अरब सागर में बने डिप्रेशन, मध्य प्रदेश के पास से गुजर रही टर्फ लाइन और उत्तर भारत में सक्रिय साइक्लोनिक सर्कुलेशन के असर से प्रदेश में एक बार फिर मौसम ने करवट ली है। मंगलवार को सेंधवा समेत सात जिलों में बारिश, जबकि भोपाल और इंदौर में तेज आंधी का असर देखने को मिला। बुधवार को श्योपुर और मुरैना समेत 11 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है।
सीनियर मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया कि यह सिस्टम अगले चार दिन तक सक्रिय रहेगा, जिससे प्रदेश के कई हिस्सों में बारिश और गरज-चमक का दौर जारी रहेगा। अगले 24 घंटे में श्योपुर, मुरैना, बुरहानपुर, बैतूल, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, सिवनी, मंडला, बालाघाट, डिंडौरी और अनूपपुर जिलों में भारी बारिश की संभावना है।
मंगलवार को 9 जिलों में बारिश दर्ज
मौसम सिस्टम की सक्रियता के कारण मंगलवार को बैतूल, धार, रतलाम, मुरैना, ग्वालियर, श्योपुर, शिवपुरी, रीवा और उमरिया में बारिश दर्ज की गई। भोपाल में तेज आंधी चली, जबकि कुछ इलाकों में फसलों को नुकसान भी हुआ।
मानसून विदा, पर बारिश जारी
हालांकि 13 अक्टूबर को मानसून की आधिकारिक विदाई हो चुकी है, लेकिन मौसम तंत्र की सक्रियता से अक्टूबर का अंतिम सप्ताह भी बारिश वाला बना हुआ है। विशेषज्ञों के अनुसार, 29 से 31 अक्टूबर तक तेज बारिश जारी रह सकती है और 30 अक्टूबर को सिस्टम का सबसे ज्यादा असर देखने को मिलेगा।
नवंबर से पड़ेगी कड़ाके की ठंड
मौसम विभाग के अनुसार, नवंबर से प्रदेश में ठंड का दौर शुरू हो जाएगा, जो जनवरी से लेकर फरवरी तक बना रहेगा। अनुमान है कि इस बार 2010 के बाद सबसे कड़ाके की ठंड पड़ सकती है। इसके साथ ही ला-नीना परिस्थितियों के कारण सर्दियों में सामान्य से अधिक बारिश भी देखने को मिल सकती है।
इस बार मानसून की रही ‘हैप्पी एंडिंग’
इस वर्ष मानसून ने प्रदेश में 3 महीने 28 दिन तक सक्रिय रहकर 106 प्रतिशत अनुमान से 15 प्रतिशत अधिक बारिश दी।
- गुना जिला सबसे ज्यादा बारिश वाला रहा — 65.7 इंच।
- श्योपुर में 216.3% बारिश दर्ज हुई।
- शाजापुर जिला सबसे कम बारिश वाला रहा — 28.9 इंच (81.1%)।
50 जिलों में मानसून का कोटा फुल
इंदौर, ग्वालियर, चंबल, जबलपुर, रीवा, शहडोल और सागर संभाग के 50 जिलों में मानसूनी बारिश का कोटा पूरा हुआ।
हालांकि, उज्जैन, शाजापुर, बैतूल और सीहोर में 81.1% से 98.6% तक ही बारिश दर्ज हुई। इनमें से बैतूल, सीहोर और उज्जैन सामान्य सीमा में रहे, जबकि शाजापुर बारिश की कमी वाले जिले की श्रेणी में रहा।
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