वडोदरा–रतलाम और इटारसी–भोपाल–बीना लाइन को मंजूरी
Approval: भोपाल। केंद्र सरकार ने मध्य प्रदेश को दो बड़ी रेल परियोजनाओं की सौगात दी है। मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में रेल मंत्रालय की चार परियोजनाओं को मंजूरी दी गई, जिनमें से दो प्रमुख प्रोजेक्ट मध्य प्रदेश से जुड़े हैं — वडोदरा–रतलाम रेल लाइन और इटारसी–भोपाल–बीना रेल लाइन। इन परियोजनाओं से राज्य की गुजरात से कनेक्टिविटी मजबूत होगी और इटारसी से बीना के बीच की दूरी घटेगी, जिससे व्यापार, यात्रा और पर्यटन — तीनों को लाभ मिलेगा।
गुजरात से बढ़ेगी सीधी रेल कनेक्टिविटी
नई रेल लाइन से मध्य प्रदेश और गुजरात के बीच रेल संपर्क तेज और सुविधाजनक होगा।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि वडोदरा–रतलाम सेक्शन में तीसरी और चौथी लाइन बिछाई जाएगी।
यह 259 किलोमीटर लंबी लाइन होगी, जिसकी अनुमानित लागत ₹8,885 करोड़ है।
यह सेक्शन गुजरात के वडोदरा, पंचमहल, दाहोद और मध्य प्रदेश के झाबुआ, रतलाम जिलों से होकर गुजरेगा। इस मार्ग में कई तीखे मोड़ (Steep Curves) हैं, जिन्हें नए प्रोजेक्ट में सीधा किया जाएगा ताकि ट्रेनों की गति बढ़ सके।
पर्यावरण और आर्थिक दृष्टि से फायदेमंद प्रोजेक्ट
सरकार के मुताबिक, यह लाइन दिल्ली–मुंबई कॉरिडोर की क्षमता बढ़ाएगी और लॉजिस्टिक लागत में भारी बचत होगी।
परियोजना से हर साल 38 करोड़ किलोग्राम कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में कमी आएगी,
7.5 करोड़ लीटर डीजल की बचत होगी और
856 करोड़ रुपए की लॉजिस्टिक कॉस्ट कम होगी।
इटारसी–भोपाल–बीना रेल लाइन का विस्तार
प्रदेश को मिली दूसरी बड़ी सौगात इटारसी–भोपाल–बीना सेक्शन की चौथी रेल लाइन है।
यह 237 किलोमीटर लंबा प्रोजेक्ट होगा, जिससे यातायात सुगमता के साथ-साथ पर्यटन कनेक्टिविटी को भी बढ़ावा मिलेगा।
रेल मंत्री ने बताया कि यह लाइन सतपुड़ा टाइगर रिजर्व, पचमढ़ी, और उदयगिरी गुफाओं जैसे प्रमुख पर्यटन स्थलों को जोड़ते हुए विकसित की जाएगी।
पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान
इस परियोजना से हर साल 32 करोड़ किलोग्राम CO₂ उत्सर्जन में कमी आएगी,
जो 1.3 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है।
लाइन पर 4 बड़े पुल, 39 मेजर ब्रिज, 151 माइनर ब्रिज,
9 टनल, 43 ओवरब्रिज और 39 अंडरपास बनाए जाएंगे।
यह सेक्शन पहाड़ी इलाकों से होकर गुजरता है, जिससे यह प्रोजेक्ट तकनीकी रूप से चुनौतीपूर्ण लेकिन राज्य के लिए अत्यंत लाभकारी साबित होगा।
प्रदेश को आर्थिक और पर्यावरणीय लाभ
इन दोनों परियोजनाओं से न केवल रेल संपर्क में सुधार होगा बल्कि
व्यापार, पर्यटन और औद्योगिक विकास को भी गति मिलेगी।
साथ ही, रेल ढांचे के आधुनिकीकरण से प्रदेश की ग्रीन एनर्जी और स्थायी विकास की दिशा में भी बड़ा कदम माना जा रहा है।
साभार…
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