Ayushman Scheme: भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं में आमूलचूल परिवर्तन लाना सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है। उन्होंने निर्देश दिए कि आयुष्मान भारत योजना का लाभ अधिक से अधिक नागरिकों तक पहुँचे और जो अस्पताल या डॉक्टर अभी तक इस योजना में इम्पैनल्ड नहीं हैं, उन्हें भी तत्काल जोड़ा जाए। मुख्यमंत्री बुधवार को मंत्रालय में लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा तथा खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे।
डॉक्टरों की उपलब्धता बढ़ाने पर जोर
मुख्यमंत्री ने विभाग को भर्ती प्रक्रिया तेज करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा—
- प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों के संचालन के लिए निजी चिकित्सकों की सेवाएँ भी ली जाएँ।
- उन्हें कॉल पर उपलब्ध कराने और बेहतर मानदेय देने की व्यवस्था की जाए।
- जिन विद्यार्थियों की फीस सरकार देती है, ऐसे बॉन्डेड डॉक्टरों को प्रदेश में सेवाएँ देने के लिए रोके जाने पर बल दिया।
- जनजातीय व दूरस्थ क्षेत्रों में सेवाएँ देने वाले बॉन्डेड डॉक्टरों को आकर्षक मानदेय देने के निर्देश।
उन्होंने यह भी कहा कि नए मेडिकल कॉलेज तेजी से खुल रहे हैं, इसलिए डॉक्टरों की बड़ी संख्या की आवश्यकता होगी। बॉन्ड वाले डॉक्टरों का मानदेय संशोधित कर उन्हें कॉलेजों और फील्ड में तैनात किया जाए।
सभी स्वास्थ्य योजनाओं में पारदर्शिता पर जोर
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा—
- स्वास्थ्य योजनाओं का लाभ समय पर और प्रभावी ढंग से पात्र हितग्राहियों तक पहुँचे।
- फील्ड अमले की संवेदनशीलता और जवाबदेही बढ़ाई जाए।
- डिलेवरी सिस्टम को और मजबूत और पारदर्शी बनाया जाए।
बैठक में बताया गया कि बॉन्डेड डॉक्टरों की भर्ती के नियम संशोधित किए जा रहे हैं और प्रस्ताव मंत्रिमंडल के समक्ष रखा जाएगा।
मेडिकल कॉलेजों के तेजी से विस्तार की प्रशंसा
मुख्यमंत्री ने प्रदेश में नए मेडिकल कॉलेज खोलने की गति की सराहना की। उन्होंने निर्देश दिए—
- प्राइवेट अस्पतालों में अनावश्यक सीजेरियन ऑपरेशन रोकने सख्त कार्रवाई करें।
- 108 एम्बुलेंस कर्मियों द्वारा मरीजों को निजी अस्पतालों में ले जाने की शिकायतों पर निगरानी बढ़ाई जाए।
- पिछले दो वर्षों में 84,000 से अधिक कार्डियक सर्जरी सरकारी अस्पतालों में की गईं, जो प्राइवेट अस्पतालों से कहीं कम लागत में होती हैं।
देहदान करने वाले 38 मृतकों को गार्ड ऑफ ऑनर दिए जाने पर उन्होंने इस पहल को समाज में व्यापक प्रचारित करने को कहा।
2028 तक बड़े लक्ष्य निर्धारित
उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ला ने बताया—
- वर्ष 2028 तक राजगढ़, मंडला, छतरपुर, उज्जैन, दमोह और बुधनी के सरकारी मेडिकल कॉलेज शुरू हो जाएंगे।
- एक जिले को मेडिकल टूरिज्म हब के रूप में विकसित किया जाएगा।
- सभी संभागीय मुख्यालयों में कैथलैब की स्थापना 2028 तक पूरी होगी।
- मातृ मृत्यु दर को 100 प्रति लाख जीवित जन्म तक लाने का लक्ष्य तय किया गया है।
उन्होंने बताया कि FSSAI ने 41.07 करोड़ की कार्ययोजना को मंजूरी दी है और औषधि प्रशासन सुदृढ़ीकरण के लिए 211 करोड़ की 5-वर्षीय योजना CDSCO को भेजी गई है।
बीते 2 वर्षों की प्रमुख उपलब्धियाँ
प्रमुख सचिव संदीप यादव ने जानकारी दी कि—
- प्रदेश में 1 रुपये में जमीन देकर निजी निवेशकों को अस्पताल निर्माण के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।
- पीपीपी मोड पर कटनी, धार, पन्ना और बैतूल में मेडिकल कॉलेज स्थापित किए जा रहे हैं।
- 9 जिलों में नए मेडिकल कॉलेजों के लिए निविदाएं जारी।
- प्रदेश में मेडिकल कॉलेजों की संख्या 5 से बढ़कर 52 हो चुकी है।
- आधुनिक लीनियर एक्सीलेटर मशीनें, सीटी स्कैन और MRI मशीनों की खरीद जारी।
- मैहर, मऊगंज और पांढुर्ना में नए जिला चिकित्सालय स्वीकृत।
- पीएम एयर एम्बुलेंस से अब तक 109 मरीजों का एयरलिफ्ट।
- शव परिवहन सेवा से 6308 शवों का परिवहन।
- प्रदेश के हर जिला अस्पताल में जन औषधि केंद्र स्थापित।
- मातृ मृत्यु दर 173 से घटकर 142 और शिशु मृत्यु दर 41 से घटकर 37।
- सिकल सेल स्क्रीनिंग — 1 करोड़ 25 लाख से अधिक।
- 12,655 आयुष्मान आरोग्य मंदिर, 448 संजीवनी क्लिनिक, 72 मोबाइल मेडिकल यूनिट संचालित।
- साभार…
Leave a comment