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Blame: नपा ने नजूल के तालाब मद की भूमि को पार्क बता कर दे दी वित्तीय स्वीकृति

नपा ने नजूल के तालाब मद की भूमि

-नजूल विभाग से न तो कोई अनापत्ति ली गई और न ही भूमि का स्थानांतरण
-पूर्व सीएमओ सहित पदाधिकारियों पर कार्रवाई की मांग
-आवेदक ने तालाब मद की भूमि को निजी समिति को सौंपने का लगाया आरोप

Blame: बैतूल। सरकारी नजूल भूमि पर नगर पालिका परिषद बैतूल द्वारा नियमों को दरकिनार कर पार्क निर्माण के लिए निजी समिति को सौंपे जाने और उसे वित्तीय स्वीकृति देने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इस गंभीर मामले को लेकर सदर बैतूल निवासी समाजसेवी जगदीश यादव ने कलेक्टर और अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को लिखित शिकायत करते हुए संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है।
जगदीश यादव द्वारा दिए गए आवेदन के अनुसार, बैतूल सदर क्षेत्र में स्थित काशी तालाब से लगकर शासकीय नजूल भूमि है, जिसका रिकॉर्ड नजूल विभाग में दर्ज है। यह भूमि तालाब मद की भूमि है, जिसे शीट नंबर 35, प्लॉट नंबर 26, रकबा 42,270 वर्गफुट के रूप में दर्शाया गया है। यह भूमि नजूल रजिस्टर और खसरे में भी शासकीय नजूल के रूप में दर्ज है तथा यह भूमि तालाब मद के रूप में आरक्षित है।

  • प्रस्ताव पूरी तरह से नियमों के विरुद्ध

  • सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि यह भूमि नगर पालिका की स्वामित्व वाली नहीं है, फिर भी नगर पालिका ने इसे निजी समिति को सौंपने का प्रस्ताव पारित किया और उसे प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति भी प्रदान की गई। आवेदक का कहना है कि यह प्रस्ताव पूरी तरह से नियमों और विधियों का उल्लंघन है क्योंकि नजूल विभाग से न तो कोई अनापत्ति ली गई और न ही भूमि का विधिवत स्थानांतरण नगर पालिका को हुआ।
    जिससे यह स्पष्ट होता है कि प्रस्ताव के पीछे नियमों की अनदेखी कर जानबूझकर शासकीय भूमि को खुर्द-बुर्द करने की नियत रही है।
  • आवेदक ने की उच्च स्तरीय जांच की मांग

  • आवेदक ने कलेक्टर बैतूल से मांग की है कि नगर पालिका द्वारा इस तरह के अवैध प्रस्ताव पारित करने और नजूल भूमि को निजी समिति को सौंपने की पूरी प्रक्रिया की उच्च स्तरीय जांच करवाई जाए। साथ ही तत्कालीन नगर पालिका सीएमओ ओ पी भदोरिया और संबंधित पदाधिकारियों पर कठोर कार्रवाई करते हुए जिम्मेदारी तय की जाए। उन्होंने नगर पालिका को दी गई प्रशासकीय और वित्तीय स्वीकृति को तत्काल निरस्त करने तथा इस प्रकार के प्रस्ताव के आधार पर परिषद को भंग करने की कार्रवाई की भी मांग की है।
  • तत्कालीन सीएमओ की भूमिका संदिग्ध

  • इस संबंध में जगदीश यादव का यह भी कहना है कि तत्कालीन सीएमओ ओपी भदोरिया ने 5 अगस्त 2023 को नगर पालिका परिषद बैतूल में कार्यभार संभाला था, और 14 दिन बाद ही 19 अगस्त 2023 को यह प्रस्ताव ले लिया था। जबकि उन्हें नगर पालिका के पदाधिकारियों को बताना था कि यह प्रस्ताव नहीं ले सकते, क्योंकि यह भूमि नगर पालिका परिषद की नहीं है। उसके बावजूद तत्कालीन सीएमओ ने भी सहमति प्रदान की। श्री यादव ने बताया कि उन्होंने इस संबंध में सीएम हेल्पलाइन में भी शिकायत की है।

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