Campaign: भोपाल: मध्य प्रदेश जल्द ही दुर्लभ खनिजों की खोज और उत्पादन के क्षेत्र में देश-विदेश में अपनी पहचान बना सकता है। प्रदेश में चार प्रमुख स्थलों पर दुर्लभ खनिजों की खोज प्रारंभ हो चुकी है। यदि इस अभियान में सफलता मिलती है, तो भारत की चीन और म्यांमार जैसे देशों पर निर्भरता काफी हद तक कम हो जाएगी।
खनिज खोज पर सरकार का फोकस
प्रदेश सरकार ने खनिज खोज को बढ़ावा देने के लिए 17 अक्टूबर को भोपाल में दो दिवसीय माइनिंग कॉन्क्लेव का आयोजन किया। इसमें 600 से अधिक उद्योगपति और निवेशक शामिल हुए। इस कार्यक्रम का आयोजन केंद्रीय खान मंत्रालय की मदद से किया गया। कॉन्क्लेव में खनिज खोज और खनन के विस्तार पर चर्चा हुई।
झारखंड की बराबरी का लक्ष्य
मध्य प्रदेश, खनन और खनिज से होने वाले राजस्व में झारखंड की बराबरी करना चाहता है।
- झारखंड हर साल 13,000 करोड़ रुपये का राजस्व जुटाता है।
- मध्य प्रदेश दुर्लभ खनिजों की खोज और खनन में वृद्धि कर इस स्तर तक पहुंचने के प्रयास में है।
दुर्लभ खनिज और उनका महत्व
दुर्लभ खनिज रक्षा, अंतरिक्ष, और इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्रों में अत्यधिक उपयोगी हैं। इन खनिजों में 17 विशेष धातुएं शामिल हैं, जैसे:
- लैंथेनम, सेरियम, नियोडिमियम, यूरोपियम, टर्बियम, स्कैंडियम आदि।
इनका उपयोग हाइटेक उपकरण, लेजर, और चुंबकीय उत्पादों में किया जाता है। - विश्व स्तर पर दुर्लभ खनिज उत्पादन में चीन का योगदान 68% और म्यांमार का 11% है।
- भारत की हिस्सेदारी अभी नाममात्र है।
प्रदेश की नई खनिज नीति और प्रयास
- केंद्र सरकार की 2024 एक्सप्लोरेशन नीति के तहत, मध्य प्रदेश ने क्रिटिकल मिनरल के दो ब्लॉक नीलामी के लिए पेश किए।
- मप्र इस नीति का क्रियान्वयन करने वाला पहला राज्य बन गया है।
- खनिज खोज के लिए जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया और मिनरल एक्सप्लोरेशन एंड कंसल्टेंसी लिमिटेड जैसी संस्थाएं सक्रिय हैं।
जिलों में हो रही दुर्लभ खनिजों की खोज
प्रदेश के जिन जिलों में खनिज खोज चल रही है, उनमें शामिल हैं:
- बैतूल, बालाघाट, श्योपुर, छतरपुर, झाबुआ, डिंडोरी, सिंगरौली, उमरिया।
इन जिलों में चिन्हित ब्लॉकों में दुर्लभ खनिजों की खोज तेज गति से चल रही है।
खनिजों से समृद्ध भविष्य की ओर
मध्य प्रदेश की खनिज संपदा को उन्नत तकनीक और योजनाओं के माध्यम से विकसित किया जा रहा है। यह पहल न केवल प्रदेश को आर्थिक रूप से सशक्त बनाएगी, बल्कि देश को खनिजों के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने में भी योगदान देगी।
source internet… साभार….
Leave a comment