शिवराज सिंह के रखे नाम को मोहन यादव ने बदला
Changed: बैतूल। 2003 से प्रदेश में भाजपा की सरकार है। 2018 में मात्र 15 महीने के लिए कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार थी। इसके बाद पुन: भाजपा की सरकार बन गई थी और चौथी बार भाजपा के वरिष्ठ नेता शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। और इसी दौर में उन्होंने शिक्षा विभाग में एक नया कंसेप्ट लाते हुए कम संख्या में कई स्कूलों को बंद एक स्कूल में मर्ज किया था और उसका नाम समेकित स्कूल रखा गया था। लेकिन बाद में इसका नाम शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने सीएम राइज स्कूल कर दिया था। अब इसका नाम फिर बदला गया है।
बैतूल जिले से हुई थी शुरूवात

शिवराज सिंह चौहान की सरकार के दौरान इस नए कंसेप्ट की शुरूवात बैतूल जिले से हुई थी। जहां जिले के समीपस्थ बैतूलबाजार में आसपास के कुछ स्कूलों को बंद कर समेकित विद्यालय के नाम से नया विद्यालय जनवरी 2018 में प्रारंभ किया गया था। जिसमें प्रायवेट स्कूलों की तर्ज पर बसों से उन आसपास के 10 किमी. के दायरे के उन गांवों के बच्चों को बैतूलबाजार लाया जा रहा था जहां कम संख्या के चलते स्कूलों को बंद कर किया गया था। और यह कंसेप्ट बैतूल के भाजपा विधायक हेमंत खण्डेलवाल का था जिसे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पूरे प्रदेश में लागू करवाया था। और बाद में इसका नाम बदलकर सीएम राइज स्कूल किया गया था।
ऐसा बदला गया नाम

तत्कालिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पूरे प्रदेश में सीएम राइज के नाम से स्कूल खुलवाए थे। लेकिन अब वर्तमान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को ऐसा लगता है कि सीएम राइज जो नाम है वो अंग्रेजों के जमाने का है। इसलिए उन्होंने इसका नाम बदलकर सांदिपनी ऋषि के नाम पर महर्षि सांदिपनी विद्यालय कर दिया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस नए नाम की घोषणा आज मंगलवार को भोपाल में राज्य स्तरीय प्रवेशोत्सव कार्यक्रम में करी। गौरतलब है कि मोहन यादव शिवराज सिंह सरकार में शिक्षा मंत्री की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। वर्तमान में शिवराज सिंह चौहान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में कृषि मंत्रालय संभाल रहे हैं।
पूर्व सीएम शिवराज का एक और फैसला पलटा
सीएम राइज स्कूल का नाम बदलकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान का एक और फैसला पलटा है। इससे पहले वे मध्यप्रदेश गान बंद करने, बीआरटीएस कॉरिडोर हटाने और राजधानी परियोजना प्रशासन (सीपीए) को बहाल करने का फैसला कर चुके हैं। साभार…
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