बैतूलवाणी के रू-ब-रू कार्यक्रम में बोले थे प्रमोद अग्रवाल
Created a commotion: बैतूल। मध्यप्रदेश में 40 वर्षों से निरंतर कृषि उपज मंडी में संचालक का रिकार्ड बनाने वाले बैतूल के प्रमोद अग्रवाल ने बैतूलवाणी के रू-ब-रू कार्यक्रम में कृषि उपज मंडी बैतूल में हो रही अनियमितताओं को लेकर जो खुलासा किया था उसके बाद कृषि उपज मंडी बैतूल के साथ-साथ राजनैतिक गलियारों में हड़कम्प मचा हुआ है। क्योंकि जिला मुख्यालय की कृषि उपज मंडी बैतूल से हजारों किसान जुड़े हुए हैं और किसानों की परेशानी का यदि हल नहीं होता है तो वे तुरंत आंदोलित भी हो जाते हैं। इसीलिए जानकारों का कहना है कि राजनैतिक दल भी अब कृषि उपज मंडी में किसानों से लूट पर ध्यान देकर समस्या का निराकरण करने में सक्रिय हो गए हैं। इसके साथ ही प्रमोद अग्रवाल ने कृषि उपज मंडी को लेकर और खुलासे किए हैं उस पर लीपापोती करने का प्रयास भी शुरू हो गया है।
मंडी शेड में मिले व्यापारी के बोरे
कृषि उपज मंडी बैतूल के विभिन्न शेडों में किसानों की उपज की तुलना में व्यापारियों के बोरे अधिक स्थान पर कब्जा किए रहते हैं। रू-ब-रू कार्यक्रम में मंडी के पूर्व संचालक प्रमोद अग्रवाल ने यह खुलासा किया था कि शेड में व्यापारियों के बोरे होने से किसानों को खुले में उपज रखना पड़ता है जिससे बर्बादी भी होती है। मिली जानकारी के अनुसार इस खुलासे के बाद मंडी प्रबंधन ने व्यापारियों के 825 बोरे उठवा दिए हैं। इससे किसानों को बड़ी राहत हुई है। विदित है कि व्यापारियों को किसानों का अनाज खरीदने के बाद 24 घंटे में बोरे उठाना अनिवार्य है। लेकिन ऐसा होता नहीं था। फिलहाल मंडी प्रबंधन ने व्यापारियों पर बगैर जुर्माना लगाए सिर्फ बोरे हटवाए हैं जबकि मंडी कानून के अनुसार व्यापारियों से प्रतिदिन के हिसाब से अलग-अलग जुर्माने का प्रावधान है।
मंडी में झाडू को लेकर बेबाक बोले अग्रवाल
मंडी में झाडू नाम की कुप्रथा को लेकर पूछे गए प्रश्र पर श्री अग्रवाल ने कहा कि यह वर्षों से चली आ रही है लेकिन इसे आज तक बंद नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि मुझे दुख के साथ यह कहना पड़ रहा है कि झाडू के नाम पर प्रतिदिन करीब 12 से 15 बोरे अनाज किसानों का ले लिया जाता है जो कि करीब 50 हजार रुपए से अधिक का होता है। किसान एक-एक दाना मेहनत से उगाकर मंडी में लाता है ताकि उसे वाजिब दाम मिल सके लेकिन यहां पर उसे झाडू के नाम पर लूटा जाता है। इस समस्या को बताने के बाद भी जनप्रतिनिधि और अफसर ध्यान नहीं दे रहे हैं।

घर में चाकरी कर रहे सिक्यूरिटी गार्ड
जिले भर से आने वाले किसानों का माल मंडी में आने से लेकर व्यापारी द्वारा उठाने तक सुरक्षित रह सके इसके लिए मंडी में 30 सिक्यूरिटी कार्ड तैनात है लेकिन अक्सर देखने में आता है कि मंडी में 15 ही दिखाई देते हैं। इनमें से बाकी के सिक्यूरिटी गार्ड सचिव के घर, भारसाधक अधिकारी के घर में चाकरी करते रहते हैं और 8 घंटे की बजाए 4 घंटे की ड्यूटी कर घर चले जाते हैं। मंडी में आवारा मवेशी किसानों की उपज को नुकसान पहुंचाते रहते हैं या फिर बोरे तक चोरी कर लिए जाते हैं। सिक्यूरिटी गार्ड मंडी के लिए रखे गए हैं तो उन्हें मंडी में ही सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी संभालनी चाहिए। लेकिन ऐसा होता नहीं है। सिक्यूरिटी गार्ड के नाम पर लूट लंबे समय से चल रही है।
पल-पल पर मंडी में लूटता है किसान
मंडी में किसानों के साथ मची लूट को लेकर किए गए प्रश्र के जवाब में श्री अग्रवाल ने कहा कि यह बिल्कुल कटु सत्य है कि जब भी कोई किसान मंडी में उपज लेकर आता है तो उसे गेट पर पैसा लिया जाता है। इसके बाद हम्माल को बोरे खाली करने के पैसा देना होता है। फिर तुलावटी हम्माल तौल करने के पैसे लेते हैं। व्यापारियों के मुनीम पैसा लेते हैं। इन सबसे लुटते हुए जब वह अपनी उपज का भुगतान लेने के बाद व्यापारी के पास पहुंचता है वहां भी उसे भुगतान करने के नाम पर 1 प्रतिशत का कुछ व्यापारियों द्वारा कटोत्रा कर लिया जाता है। जबकि किसानों को 24 घंटे के भीतर भुगतान करने का नियम है लेकिन ऐसा किया नहीं जा सकता है।
नोट:-पूरा इंटरव्यू देखने के लिए यूट्यूब पर बैतूलवाणी क्लिक करें एवं दिए गए क्यूआर कोड पर भी स्कैन कर पूरा इंटरव्यू देख सकते हैं।
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