Cyber security: डिजिटल इंडिया की रफ्तार के साथ अब पेमेंट भी आसान हो गया है—चाहे वो क्यू-आर कोड हो या फिर डेबिट/क्रेडिट कार्ड। लेकिन जैसे ही तकनीक आसान हुई, वैसे ही ठगों ने भी अपने तरीके हाईटेक कर लिए। आजकल कार्ड से भुगतान करना जितना आसान है, उतना ही खतरनाक भी अगर सावधानी न बरती जाए।
एक ऐसा ही चालाक तरीका है – स्किमर फ्रॉड।
क्या होता है स्किमर फ्रॉड?
स्किमर फ्रॉड में अपराधी आपके कार्ड की जानकारी चुराने के लिए छोटे-छोटे उपकरण एटीएम, पेट्रोल पंप, या दुकानों की मशीनों पर लगा देते हैं।
- ये डिवाइस कार्ड के मैग्नेटिक स्ट्रिप से डेटा चुरा लेते हैं
- साथ ही एक छोटा कैमरा या नकली कीपैड आपकी पिन भी रिकॉर्ड कर सकता है
आपको कुछ पता भी नहीं चलता और ठग आपके खाते से रुपए गायब कर देते हैं।
बचने के उपाय: स्मार्ट बनें, सतर्क रहें
1. कार्ड किसी को न दें
- हमेशा खुद पेमेंट करें।
- कार्ड को अपनी नज़रों से ओझल न होने दें।
2. हर जगह कार्ड इस्तेमाल न करें
- हाईवे के छोटे पेट्रोल पंप, सुनसान एटीएम – इनसे सावधान रहें
- शक हो तो कैश या क्यूआर से पे करें
3. पिन डालते समय हाथ से कीपैड ढकें
- इससे छिपे हुए कैमरे आपका पासवर्ड नहीं देख पाएंगे
4. SMS और एप अलर्ट ऑन रखें
- किसी भी ट्रांजैक्शन की जानकारी तुरंत मिलेगी
- रोज़ाना मोबाइल बैंकिंग से बैलेंस चेक करें
5. ATM पर सतर्कता
- कार्ड स्लॉट को हल्के से हिलाकर देखें
- नकली या ढीला लगे तो तुरंत रिपोर्ट करें
- कीपैड ऊपर उभरा हुआ या अलग लगे तो वहां पिन न डालें
अगर फ्रॉड हो जाए तो तुरंत ये करें
- बैंक को तुरंत कॉल कर कार्ड ब्लॉक करवाएं
- पास के थाने में FIR दर्ज करवाएं
- FIR की कॉपी बैंक को दें – कुछ बैंक पैसे रिफंड भी करते हैं
- बैंक से नया कार्ड जारी करवाएं
सावधानी ही सुरक्षा है!
जैसे घर का ताला सिर्फ चोरों से नहीं, हमारी खुद की लापरवाही से भी सुरक्षा देता है, वैसे ही डिजिटल सेफ्टी आपकी आदतों पर निर्भर करती है।
स्मार्ट बनिए, सुरक्षित रहिए।
डिजिटल इंडिया तभी सफल है, जब हम सतर्क नागरिक बनें!
साभार…
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