Deadline: वॉशिंगटन/नई दिल्ली | भारत से अमेरिका को भेजे जाने वाले उत्पादों पर 25% आयात शुल्क (टैरिफ) अब 1 अगस्त के बजाय 7 अगस्त से लागू किया जाएगा। व्हाइट हाउस ने यह निर्णय 1 अगस्त की डेडलाइन खत्म होने से ठीक पहले लिया है। यह बदलाव यूएस कस्टम्स एंड बॉर्डर प्रोटेक्शन (CBP) को आवश्यक प्रक्रियात्मक तैयारियां करने के लिए अतिरिक्त समय देने हेतु किया गया है।
किन वस्तुओं पर पड़ेगा असर?
इस टैरिफ का असर भारत से अमेरिका को निर्यात होने वाले प्रमुख उत्पादों पर पड़ेगा, जिनमें शामिल हैं:
दवाइयां (Pharmaceuticals)
कपड़ा और परिधान (Textiles & Apparel)
इंजीनियरिंग और मैन्युफैक्चरिंग उत्पाद (Engineering goods)
अभी इन पर औसतन 10% टैक्स लगता है, लेकिन अब यह दर बढ़कर 25% तक हो जाएगी, जिससे ये उत्पाद अमेरिकी बाजार में महंगे हो जाएंगे। इसका सीधा असर भारतीय निर्यातकों की प्रतिस्पर्धा और अमेरिका में मांग पर पड़ सकता है।
भारत-अमेरिका व्यापार रिश्तों पर असर
भारत अमेरिका के साथ व्यापार में सरप्लस (अधिशेष) स्थिति में है, यानी भारत अमेरिका को जितना निर्यात करता है, उससे कम आयात करता है। इस टैरिफ से भारत का ट्रेड सरप्लस घट सकता है।
ट्रम्प का बयान: भारत दोस्त, लेकिन टैरिफ सबसे ज्यादा
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इस फैसले को सही ठहराते हुए भारत पर कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने कहा:
“भारत हमारा दोस्त है, लेकिन हमने उनके साथ ज्यादा व्यापार नहीं किया क्योंकि उनके टैरिफ दुनिया में सबसे ज्यादा हैं। वहाँ की गैर-आर्थिक व्यापार बाधाएं भी बहुत परेशान करने वाली हैं।”
ट्रम्प ने भारत के रूस से व्यापारिक संबंधों पर भी नाराजगी जताई और कहा कि भारत:
अब भी रूस से सैन्य उपकरण खरीदता है
चीन के साथ मिलकर रूस से सबसे ज्यादा तेल खरीदने वालों में शामिल है
उन्होंने कहा,
“यह तब हो रहा है जब हर कोई चाहता है कि रूस यूक्रेन में लोगों की हत्या बंद करे। यह सही नहीं है। इसलिए, भारत को 25% टैरिफ देना होगा, और रूस से व्यापार करने की वजह से पेनल्टी भी झेलनी होगी।”
हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि यह पेनल्टी क्या होगी और इसका स्वरूप कैसा होगा।
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