हार्ट अटैक और हादसों में करेगा तुरंत मदद, सिंहस्थ में हो सकता है उपयोग
Device: उज्जैन | देश में समय पर मदद न मिलने से होने वाली मौतों की संख्या लगातार बढ़ रही है, खासकर हार्ट अटैक और सड़क हादसों के मामलों में। इस चुनौती को समझते हुए उज्जैन के शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज के 5 होनहार छात्रों ने एक हाईटेक इमरजेंसी डिवाइस तैयार किया है, जो किसी भी आपातकालीन स्थिति में तत्काल सहायता पहुंचाने में मददगार होगा।
छात्रों ने बनाया यह खास डिवाइस:
इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन ब्रांच के फाइनल ईयर छात्रों –
मोहित कुमार, हर्ष श्रीवास्तव, राहुल सिंह रावत, ओम कृष्ण कुमार जायसवाल और विशाल रघुवंशी – ने यह डिवाइस अपने गाइड प्रोफेसर वाय.एस. ठाकुर के मार्गदर्शन में महज तीन महीनों में तैयार किया।
यह डिवाइस विशेष रूप से उन परिस्थितियों में काम करेगा जब:
- किसी को हार्ट अटैक आ जाए
- कोई व्यक्ति सड़क हादसे में घायल हो
- चोरी, छीना-झपटी या हमले जैसी वारदात हो
- महिला या बुजुर्गों को सुनसान जगह पर मदद की जरूरत हो
डिवाइस की तकनीकी विशेषताएं:
- हार्टबीट और ब्लड प्रेशर सेंसर: अगर बीपी 78 से ऊपर या 60 से नीचे जाता है, तो डिवाइस स्वतः एक्टिवेट हो जाता है।
- SOS बटन: आपात स्थिति में एक बटन दबाकर तत्काल सहायता मंगाई जा सकती है।
- GPS और GPRS मॉड्यूल: व्यक्ति की रियल-टाइम लोकेशन अलर्ट के साथ साझा होती है।
- कैमरा मॉड्यूल: घटना स्थल की लाइव वीडियो फीड रिकॉर्ड करता है।
- टू-वे कम्युनिकेशन सिस्टम: डिवाइस के माध्यम से कॉल कर पीड़ित और मददकर्ता आपस में बात कर सकते हैं।
सिंहस्थ जैसे आयोजनों में होगा उपयोगी:
प्रोफेसर वाय.एस. ठाकुर के अनुसार, यह डिवाइस उज्जैन में होने वाले सिंहस्थ मेले जैसे भीड़भाड़ वाले आयोजनों में बेहद कारगर साबित हो सकता है। गर्मी में जब लोग डिहाइड्रेशन, बीपी या हार्ट अटैक का शिकार होते हैं, तब यह डिवाइस तत्काल सहायता सुनिश्चित कर सकता है।
न्यूज़पेपर से मिला आइडिया:
टीम के सदस्य हर्ष श्रीवास्तव ने बताया कि आए दिन अखबारों में घटनाएं पढ़कर यह विचार आया कि एक ऐसा डिवाइस तैयार किया जाए, जो रिस्पॉन्स टाइम को कम करे और किसी भी इमरजेंसी में तुरंत परिवार और मददगारों तक अलर्ट भेजे।
भविष्य में मोबाइल ऐप या स्मार्ट वॉच के रूप में आएगा:
फिलहाल यह डिवाइस प्रोटोटाइप फॉर्म में है और आकार में बड़ा है। लेकिन भविष्य में इसे मोबाइल ऐप, स्मार्ट वॉच, या स्मार्ट बैंड के रूप में डेवलप किया जा सकता है, जिससे आम लोगों के लिए इसका इस्तेमाल और भी आसान हो जाएगा।
सम्मान और सराहना की उम्मीद:
छात्रों के इस नवाचार को न केवल तकनीकी संस्थानों से सराहना मिल रही है, बल्कि प्रशासनिक स्तर पर भी इसे बड़े आयोजनों में लागू करने की दिशा में विचार हो रहा है।
साभार…
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