Gupt Navaratri – गुप्त नवरात्रि के दिन दस महा देवियों को पूजा जाता है। जिसके करने से आपकी सारी मन्नते जल्द ही पूरी होगी। हिंदू मान्यता के अनुसार शक्ति की साधना दुर्भाग्य को दूर करके सौभाग्य को देने वाली मानी गई है। आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि में देवी मां दुर्गा के 10 स्वरूपों को पूजा जाता है और क्या फल मिलता है l
इन स्वरूपों की पूजा करने से होती है आपकी सारी मन्नते पूरी | Gupt Navaratry
10 महाविद्या की पूजा: सनातन परंपरा में नवरात्रि के पावन पर्व को आद्य शक्ति कहलाने वाली देवी दुर्गा के तमाम स्वरूपों की पूजा के लिए बहुत ज्यादा शुभ और फलदायी माना गया है। इस साल आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि 19 जून से प्रारंभ होगी।
नवरात्रि में जहां देवी के 9 स्वरूपों की पूजा की जाती है वहीं गुप्त नवरात्रि में देवी के 10 दिव्य स्वरूपों का की पूजा करने का भी विधान है। हिंदू रिती-रीवाजो के अनुसार मां जगतजन्नी के इन 10 अलग-अलग स्वरूपों की गुप्त स्वरूपों की पूजा के लिए अलग-अलग फल बताए गये हैं। सनातन धर्म में परंपरा के अनुसार जिस 10 महाविद्या को दस दिशाओं की स्वामिनी माना गया है l
माता की उनकी आराधना से जुड़े 10 फल को विस्तार से जानते हैं
1 – मां काली – 10 महाविद्याओं में मां काली की पूजा सभी संकटों से उबारने वाली मानी गई हैं। इन्हें 10 महाविद्या में पहली देवी के रूप में पूजा जाता है। मान्यता है कि मां काली ने राक्षसों का वध करने के लिए डरावना रूप धारण किया था। मां काली की पूजा करने से शत्रुओं का नाश होता है।
2 – मां तारा – 10 महाविद्या में मां तारा को देवी दुर्गा का दूसरा रूप माना गया है, जिनकी आराधना करने से साधक को संतान सुख की प्राप्ति होती है। और यह भी माना जाता है कि मां तारा की आराधना करने से साधक सभी सुखों को भोगता हुआ अंत में मोक्ष को प्राप्त होता है।
3 – मां त्रिपुरसुंदरी – गुप्त नवरात्रि के दिनों में मां त्रिपुरसुंदरी की पूजा-पाठ करने का बहुत ज्यादा पुण्य फल माना गया है। मान्यता है कि यदि गुप्त नवरात्रि के दिनों में यदि कोई साधक गुप्त रूप से मां त्रिपुरसुंदरी की पूजा करने पर साधक को भोग और मोक्ष दोनों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। माता की कृपा से साधक का तेज और मान-सम्मान भी बढ़ता है।
4 – मां भुवनेश्वरी – गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा के भुवनेश्वरी स्वरूप की आराधना करने से मनुष्यों को दुनिया-जहान के सुख प्राप्त होते हैं। देवी की कृपा से उसके धन और यश में वृद्धि होती है। घर-परिवार और समाज में उसका खूब मान बढ़ता है।
5 – मां छिन्नमस्ता – गुप्त नवरात्रि में माता छिन्नमस्ता की पूजा करने से मनुष्यों को सुख – सौभाग्य और आरोग्य दोनों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। देवी के इस पावन स्वरूप की पूजा करने पर साधक के जीवन से जुड़े सभी शत्रु, रोग और शोक से मुक्त होते हैं।
6 – मां भैरवी – गुप्त नवरात्रि पर मां दुर्गा के भैरवी स्वरूप की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है। मान्यता यह भी है कि माता भैरवी की गुप्त रूप से पूजा और उनके मंत्रों का जप करने पर साधक का दुर्भाग्य दूर होता है और उसे सौभाग्य की प्राप्ति होती है। देवी की कृपा से उसके जीवन में किसी भी प्रकार का भय नहीं रहता है।
7 – मां धूमावती – देवी दुर्गा के धूमावती स्वरूप की पूजा करने पर साधक बड़ी से बड़ी परेशानियों से पल भर में ही निकल आता है। देवी धूमावती की पूजा करने से मनुष्यों के सभी कष्ट और दुख दूर हो जाते है। और उनकी सभी मन्नते शीघ्र ही पूर्ण हो जाती हे।
8 – मां बगलामुखी – गुप्त नवरात्रि के दिन मां शक्ति की साधना में बगलामुखी माता की आराधना करने से सभी मनोकामनाओं को पूरा करने वाली मानी गई है। मान्यता यह भी है कि मां बगलामुखी जिस भक्त पर अपनी कृपा बरसती हैं, उसे जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सफलता और सुख-सौभाग्य प्राप्ती होती है।
9 – मां मातंगी – मां मातंगी की पूजा सभी सुखों को दिलाने वाली मानी गई है। मान्यता है कि गुप्त नवरात्रि में मां मातंगी की गुप्त रूप से साधना करने पर साधक के जीवन में चली आ रही आर्थिक दिक्कतें दूर होती हैं और उसे धन-धान्य की प्राप्ति होती है।
10 – मां कमला – गुप्त नवराात्रि देवी दुर्गा का दसवां स्वरूप मानी जाने वाली मां कमला की पूजा करने पर साधक को जीवन से जुड़े सभी सुख प्राप्त होते हैं और उसका घर हमेशा धन-धान्य से भरा रहता है। मां कमला के आशीर्वाद से उसके जीवन में कभी भी दुख-दुर्भाग्य नहीं आता है।
Source – Internet
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