Wednesday , 16 July 2025
Home Uncategorized Homage: भारत कुमार के नाम से मशहूर मनोज कुमार अब हमारे बीच नहीं
Uncategorized

Homage: भारत कुमार के नाम से मशहूर मनोज कुमार अब हमारे बीच नहीं

भारत कुमार के नाम से मशहूर मनोज

Homage:मुंबई: भारतीय सिनेमा के लीजेंड और “भारत कुमार” के नाम से मशहूर मनोज कुमार अब हमारे बीच नहीं रहे। शुक्रवार सुबह, 87 वर्ष की उम्र में उन्होंने मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल में अंतिम सांस ली। वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे और लिवर सिरोसिस से जूझ रहे थे। अंतिम संस्कार शनिवार सुबह 11 बजे, मुंबई के पवनहंस श्मशान घाट पर किया जाएगा।


एक अभिनेता, जो राष्ट्रप्रेम का चेहरा बना

मनोज कुमार की पहचान सिर्फ एक फिल्मी अभिनेता तक सीमित नहीं रही, उन्होंने देशभक्ति की भावना को परदे पर जीवंत कर एक पूरा युग गढ़ा। ‘उपकार’, ‘पूरब और पश्चिम’, ‘रोटी, कपड़ा और मकान’, और ‘क्रांति’ जैसी फिल्मों ने उन्हें भारत कुमार बना दिया — वो कलाकार, जिनकी रगों में कला के साथ-साथ देशभक्ति भी बहती थी।


👦 कठिन बचपन, संघर्षों की नींव

उनका असली नाम हरिकृष्ण गोस्वामी था। 24 जुलाई 1937 को एबटाबाद (अब पाकिस्तान में) जन्मे मनोज का बचपन दंगों, विस्थापन और दर्द के बीच बीता। उन्होंने मात्र 10 साल की उम्र में अपने नवजात भाई को खोया और मां की पीड़ा देख डॉक्टरों पर गुस्से में लाठियां भी चला दीं। इसके बाद उनका परिवार भारत आया और दिल्ली में शरण ली।


🎬 कैमरे के सामने एक इत्तेफाक से आए

मनोज कुमार का फिल्मी सफर भी संघर्षों से भरा रहा। एक स्टूडियो में लाइट टेस्टिंग के लिए खड़े किए गए, और वहीं से उनकी किस्मत बदल गई। 1957 की फिल्म ‘फैशन’ में छोटा रोल मिला और 1960 में ‘कांच की गुड़िया’ से लीड रोल। इसके बाद ‘रेशमी रुमाल’, ‘वो कौन थी’, ‘अपनी करामात’ जैसी फिल्मों से उन्होंने पहचान बना ली।


🎥 जब बना “भारत कुमार”

1965 में ‘शहीद’ फिल्म में भगत सिंह की भूमिका निभाई। इस फिल्म से प्रभावित होकर लाल बहादुर शास्त्री ने उनसे “जय जवान जय किसान” पर फिल्म बनाने को कहा। यही प्रेरणा बनी ‘उपकार’ की, जिसने उन्हें एक नायक से भारत का चेहरा बना दिया। फिल्म का गाना ‘मेरे देश की धरती सोना उगले’ आज भी हर भारतवासी की जुबां पर है। इसी फिल्म से उन्हें मीडिया ने “भारत कुमार” नाम दे दिया।


🏆 सम्मान और उपलब्धियाँ

  • 7 फिल्म फेयर अवॉर्ड्स
  • 1992 में पद्मश्री
  • 2016 में दादा साहब फाल्के पुरस्कार
  • और करोड़ों भारतीयों का सम्मान और प्यार, जो सबसे बड़ा पुरस्कार रहा।

❤️ दिल से दोस्त, दिल से इंसान

मनोज कुमार केवल एक बड़े कलाकार नहीं, एक सच्चे इंसान भी थे। उन्होंने प्राण जैसे विलेन की छवि बदलने में मदद की, और दिलीप कुमार से प्रेरित होकर अपना नाम मनोज रखा। राज कपूर से गहरे दोस्ताना रिश्ते रहे, और सिनेमा को लेकर हमेशा गंभीर व सच्चे रहे।


🕊️ प्रधानमंत्री की श्रद्धांजलि

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने X पर उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए लिखा –
“मनोज जी के कार्यों ने राष्ट्रीय गौरव की भावना को प्रज्ज्वलित किया और यह पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा।”


💐 अलविदा भारत कुमार

मनोज कुमार ने सिर्फ फिल्में नहीं बनाईं, उन्होंने देशभक्ति को सिनेमा के ज़रिए घर-घर पहुंचाया। उनका जाना एक युग का अंत है, लेकिन उनके बनाए गीत, किरदार और विचार हमेशा जिंदा रहेंगे।

जय हिन्द, भारत कुमार। ओम शांति।

साभार…. 

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

Prediction: 2035 तक 10 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनेगा भारत: गोल्डमैन सैश की भविष्यवाणी

Prediction:नई दिल्ली | वैश्विक भू-राजनीतिक परिदृश्य के बदलते रुख के बीच भारत...