Infrastructure: मध्य प्रदेश सरकार सिंहस्थ 2028 को ध्यान में रखते हुए इंदौर और उज्जैन के इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए बड़े पैमाने पर परियोजनाओं की योजना बना रही है। इन तैयारियों में सड़कों, ओवर ब्रिज, बस स्टैंड और सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) का निर्माण शामिल है।
मुख्य विकास कार्य:
सड़क एवं ओवर ब्रिज निर्माण
- इंदौर-उज्जैन सिक्स लेन रोड: प्रमुख धार्मिक यातायात को सुगम बनाने के लिए।
- नई टू लेन सड़कें:
- चंद्रगुप्त मौर्य चौराहे से देवास-उज्जैन रोड तक 40 किमी टू लेन सड़क।
- इंदौर-उज्जैन मुख्य मार्ग से कटक्या मार्ग तक 10 किमी टू लेन सड़क।
- महत्वपूर्ण मार्गों का चौड़ीकरण:
- सरवटे बस स्टैंड से लवकुश चौराहे तक एमआर-4 रोड।
- एमआर-12 को देवास बायपास से जोड़ना।
- एयरपोर्ट से सुपर कॉरिडोर और पालिया टोल नाका तक नई सड़क।
- एयरपोर्ट से कालानी नगर, बड़ा गणपति होते हुए लक्ष्मीबाई प्रतिमा मार्ग का चौड़ीकरण।
- डबल लेयर ओवर ब्रिज:
- लवकुश चौराहे पर बाणगंगा और अरविंदो अस्पताल के बीच।
- एमआर-12 पर रेलवे क्रॉसिंग पर नया ब्रिज।
- मरीमाता चौराहा और बड़ा गणपति क्षेत्र में नए ओवर ब्रिज।
- आईएसबीटी (इंटीग्रेटेड बस टर्मिनल):
- कुमेड़ी में बनकर तैयार।
नदियों का शुद्धिकरण एवं सीवरेज प्रबंधन
- नमामि गंगे परियोजना:
- 511 करोड़ रुपये से 120, 40 और 35 एमएलडी क्षमता के एसटीपी और इंटरसेप्शन का निर्माण।
- अमृत-2 योजना:
- 568 करोड़ रुपये की लागत से 80 और 40 एमएलडी क्षमता के नए एसटीपी।
- बाहरी और मध्य क्षेत्र में सीवर लाइन बिछाई जाएगी।
- स्मार्ट सिटी परियोजना:
- 30-30, 35-35 और 20-20 एमएलडी के छह एसटीपी।
- 10-10 एमएलडी क्षमता के दो सीईटीपी प्लांट।
सरकार की तैयारी एवं समीक्षा
- प्रयागराज महाकुंभ 2025 में श्रद्धालुओं की संख्या उम्मीद से दोगुनी हो गई थी, जिससे यातायात अव्यवस्थित हो गया था।
- इस अनुभव को देखते हुए सिंहस्थ 2028 के दौरान यातायात और सुविधाओं में किसी भी तरह की परेशानी न हो, इसके लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन स्वयं समीक्षा कर रहे हैं।
सिंहस्थ 2028 के लिए ये सभी कार्य इंदौर और उज्जैन को आधुनिक एवं व्यवस्थित बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होंगे।
source internet… साभार….
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