Fever: कर्नाटक में मंकी फीवर, जिसे क्यासानूर फॉरेस्ट डिजीज (KFD) भी कहा जाता है, के मामलों में वृद्धि देखी गई है। पिछले महीने राज्य में 64 नए मामले दर्ज किए गए और दो लोगों की मृत्यु हुई है। इस स्थिति को देखते हुए, कर्नाटक सरकार ने सभी मरीजों के लिए मुफ्त इलाज की घोषणा की है, जो पहले केवल गरीबी रेखा से नीचे (BPL) परिवारों तक सीमित था। अब गरीबी रेखा से ऊपर (APL) के परिवार भी इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं।
मंकी फीवर मुख्यतः उन क्षेत्रों में फैलता है जहां बंदरों की संख्या अधिक होती है। कर्नाटक के अलावा, महाराष्ट्र और गोवा में भी इस बीमारी के मामले सामने आए हैं। यह बीमारी टिक (किलनी) के काटने से फैलती है, जो संक्रमित बंदरों से इंसानों में संक्रमण फैलाते हैं।
इस बीमारी के लक्षणों में तेज बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, उल्टी, थकान, और कुछ मामलों में नाक से खून आना शामिल है। कर्नाटक सरकार ने लोगों से सतर्क रहने और जंगलों या टिक-प्रभावित क्षेत्रों में जाने से बचने की अपील की है। इसके साथ ही, इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) और इंडियन इम्यूनोलॉजिकल्स लिमिटेड मिलकर मंकी फीवर के लिए देश की पहली स्वदेशी वैक्सीन विकसित कर रहे हैं, जो वर्तमान में प्रीक्लिनिकल परीक्षण चरण में है।
सरकार ने इस बीमारी की रोकथाम और नियंत्रण के लिए निगरानी और नियंत्रण उपायों को तेज कर दिया है, जिसमें वन विभाग के साथ समन्वय भी शामिल है। यदि आप प्रभावित क्षेत्रों में रहते हैं या वहां की यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो सावधानी बरतें और किसी भी संदिग्ध लक्षण के प्रकट होने पर तुरंत चिकित्सा सहायता प्राप्त करें।
मंकी फीवर (KFD) से बचाव और सावधानियां
🔴 क्या करें?
✅ जंगल या खेतों में जाते समय फुल स्लीव्स कपड़े और जूते पहनें।
✅ शरीर को कवर करने के लिए मच्छरदानी और रिपेलेंट क्रीम का इस्तेमाल करें।
✅ बंदरों के संपर्क में आने से बचें, खासकर बीमार या मरे हुए बंदरों से।
✅ अगर जंगल या संक्रमित क्षेत्र में गए हैं तो घर लौटकर तुरंत नहाएं और कपड़े धोएं।
✅ अगर बुखार, सिरदर्द, कमजोरी जैसे लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
🔴 क्या न करें?
❌ जंगली जानवरों के संपर्क में आने से बचें।
❌ बिना जांचे-परखे बंदरों के आसपास रखे पानी या खाने का सेवन न करें।
❌ संक्रमित इलाकों में खुले पैरों और बिना सुरक्षात्मक कपड़ों के न जाएं।
💉 क्या मंकी फीवर की वैक्सीन है?
भारत में मंकी फीवर के लिए कोई सार्वभौमिक वैक्सीन उपलब्ध नहीं है, लेकिन केवल हाई-रिस्क एरिया में रहने वालों के लिए एक वैक्सीन दी जाती है।
📢 सरकार की सलाह:
सरकार ने फ्री इलाज देने की घोषणा की है, साथ ही सतर्क रहने की अपील की है। खासकर कर्नाटक, महाराष्ट्र और गोवा के लोग ज्यादा सावधानी बरतें।
🚨 अगर कोई लक्षण दिखे तो देरी न करें, तुरंत मेडिकल हेल्प लें!
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