पृथ्वी पर निगरानी के लिए होगा क्रांतिकारी कदम
Launch: नई दिल्ली | भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) और अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) का बहुप्रतीक्षित संयुक्त उपग्रह मिशन ‘NISAR’ (NASA-ISRO Synthetic Aperture Radar) अब लॉन्च के लिए पूरी तरह तैयार है। यह ऐतिहासिक उपग्रह 30 जुलाई 2025 को शाम 5:40 बजे श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया जाएगा। इसरो ने सोमवार को “X” (पूर्व में ट्विटर) पर इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि यह मिशन पृथ्वी अवलोकन और आपदा प्रबंधन में एक क्रांतिकारी भूमिका निभाएगा।
🌍 हर 12 दिन में पूरी पृथ्वी की स्कैनिंग
निसार उपग्रह की सबसे बड़ी खासियत है कि यह हर 12 दिनों में पूरी पृथ्वी की भूमि और बर्फीली सतहों को स्कैन करेगा और उच्च-रिजॉल्यूशन डेटा प्रदान करेगा। यह डेटा दिन-रात, सभी मौसमों में उपलब्ध होगा, जिससे वैज्ञानिकों को पृथ्वी की सतह पर हो रहे सूक्ष्म परिवर्तनों की वास्तविक समय में जानकारी मिल सकेगी।
🔍 मुख्य अनुप्रयोग
निसार उपग्रह की मदद से निम्नलिखित क्षेत्रों में निगरानी और विश्लेषण संभव होगा:
- जमीन का विरूपण और भूस्खलन की संभावना
- हिमखंडों और समुद्री बर्फ की गति
- वनस्पति की स्थिति और बदलाव
- तूफानों और जहाजों की निगरानी
- मिट्टी में नमी की स्थिति और जल संसाधनों की मैपिंग
- आपदा पूर्व चेतावनी और राहत कार्यों में सहायता
🚀 1.5 बिलियन डॉलर का सहयोग मिशन
करीब 1.5 अरब डॉलर की लागत से बना निसार मिशन नासा और इसरो के बीच एक दशक से अधिक लंबे सहयोग का नतीजा है। इस मिशन में दो अलग-अलग बैंड के रडार शामिल हैं:
- L-Band रडार (नासा द्वारा विकसित)
- S-Band रडार (इसरो द्वारा निर्मित)
इन दोनों को मिलाकर यह उपग्रह सेंटीमीटर स्तर तक सटीक माप और पृथ्वी की सतह की संरचना में बदलाव का विश्लेषण कर सकेगा।
🛰️ विश्व का पहला उपग्रह इस क्षमता के साथ
इसरो के अनुसार, निसार विश्व का पहला ऐसा पृथ्वी अवलोकन उपग्रह है जो इतनी विस्तृत और सटीक जानकारी नियमित रूप से देगा। यह उपग्रह वैज्ञानिक अनुसंधान, पर्यावरण संरक्षण और आपदा प्रबंधन में बड़ा योगदान देगा।
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