Loss: हैदराबाद | हैदराबाद में बीते गुरुवार शाम आई तेज़ बारिश और आंधी-तूफान ने ऐतिहासिक चारमीनार को नुकसान पहुँचा दिया। इमारत के उत्तर-पूर्वी मीनार का एक छोटा सा हिस्सा टूटकर नीचे गिर गया। गनीमत यह रही कि हादसे के वक्त आसपास ज्यादा लोग मौजूद नहीं थे, जिससे कोई जानमाल का नुकसान नहीं हुआ।
ASI ने मौके का लिया जायज़ा
घटना की सूचना मिलते ही भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के अधिकारी तुरंत मौके पर पहुँचे। उन्होंने निरीक्षण के बाद बताया कि नुकसान मामूली है और चारमीनार की संरचनात्मक मजबूती को कोई खतरा नहीं है। ASI ने जल्द ही मरम्मत कार्य शुरू करने की बात कही है।
मौसम विभाग की चेतावनी पहले से जारी
हैदराबाद और तेलंगाना के अन्य हिस्सों में मौसम विभाग ने पहले ही तेज़ बारिश और तूफान की चेतावनी जारी की थी। इसी चेतावनी के दौरान आई तेज हवाओं और बारिश ने 16वीं सदी की इस ऐतिहासिक धरोहर को क्षति पहुंचाई।
विधायक ने किया दौरा, जताई चिंता
चारमीनार क्षेत्र के विधायक मिर जुल्फिकार अली (एआईएमआईएम) ने कहा, “तूफान के चलते पत्थर और मिट्टी का एक छोटा हिस्सा गिरा। सौभाग्य से उस वक्त कोई पास नहीं था। ASI ने हमें आश्वस्त किया है कि इमारत को कोई गंभीर खतरा नहीं है और मरम्मत जल्द शुरू होगी।”
पहले भी हो चुका है नुकसान
यह पहला मौका नहीं है जब चारमीनार को मौसम की मार झेलनी पड़ी हो। मई 2019 में भी एक ऐसी ही बारिश के दौरान दक्षिण-पश्चिम मीनार से एक टाइल गिर गई थी, जिसे बाद में ASI ने ठीक किया था।
इतिहास से जुड़ा गौरव 1591 में सुल्तान मुहम्मद कुली कुतुब शाह द्वारा निर्मित, चारमीनार न सिर्फ एक प्रसिद्ध मस्जिद है, बल्कि यह इंडो-इस्लामिक वास्तुकला का बेजोड़ उदाहरण भी है। हर साल लाखों सैलानी इसे देखने आते हैं। ऐसे में इसकी सुरक्षा और संरक्षण अत्यंत आवश्यक है।
चारमीनार का यह हल्का नुकसान इतिहासप्रेमियों और नागरिकों के लिए एक चेतावनी है कि जलवायु परिवर्तन और संरक्षण में लापरवाही हमारे सांस्कृतिक धरोहरों को धीरे-धीरे कमजोर कर रही है। जरूरत है कि हम समय रहते इनके संरक्षण की दिशा में ठोस कदम उठाएँ।
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