Madhya Pradesh भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार अब सड़क इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने पर बड़ा फोकस कर रही है। चार से छह लेन वाली हाईवे और रिंग रोड के निर्माण के लिए अगले पांच सालों में ₹1 लाख करोड़ खर्च किए जाएंगे। इस फैसले का उद्देश्य निवेशकों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराना और औद्योगिक ढुलाई को सुगम बनाना है।
🚧 प्रमुख हाईवे और रिंग रोड प्रोजेक्ट्स
✅ चार से छह लेन हाईवे: भोपाल-इंदौर, भोपाल-जबलपुर हाईस्पीड कॉरिडोर
✅ रिंग रोड: एक लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में रिंग रोड बनाए जाएंगे
✅ औद्योगिक क्षेत्र कनेक्टिविटी: हाईवे और एक्सप्रेसवे को औद्योगिक हब से जोड़ा जाएगा
📍 कौन-कौन से मार्ग बनेंगे फोरलेन?
सरकार ने एनएचआई (NHAI) और एमपीआरडीसी (MPRDC) के साथ अनुबंध किया है, जिसके तहत निम्नलिखित मार्गों को फोरलेन में बदला जाएगा:
🔹 भोपाल-इंदौर हाईस्पीड कॉरिडोर
🔹 भोपाल-जबलपुर एक्सप्रेसवे (नई दूरी 255 किमी, पहले 312 किमी)
🔹 प्रयागराज-जबलपुर-नागपुर एक्सप्रेसवे
🔹 लखनादौन-रायपुर एक्सप्रेसवे
🔹 उज्जैन-झालावाड़ राष्ट्रीय राजमार्ग
🔹 जबलपुर-दमोह हाईवे
🔹 सतना-चित्रकूट हाईवे
📌 भोपाल-जबलपुर हाईस्पीड कॉरिडोर रायसेन, तेंदूखेड़ा होते हुए सीधे भोपाल आएगा और औबेदुल्लागंज को बायपास करेगा। इससे दूरी 57 किमी कम होगी।
🏙️ बड़े शहरों में रिंग रोड निर्माण
🚗 इंदौर: पूर्वी और पश्चिमी हिस्से में नई रिंग रोड
🚗 ग्वालियर: पश्चिमी छोर पर रिंग रोड
🚗 भोपाल: ट्रैफिक को डायवर्ट करने के लिए आउटर रिंग रोड
रिंग रोड बनने से भारी वाहनों को शहर के अंदर जाने की जरूरत नहीं होगी, जिससे जाम की समस्या कम होगी और ट्रांसपोर्टेशन फास्ट होगा।
⚡ सरकार की योजना और लाभ
✔ बेहतर सड़कें = तेज औद्योगिक विकास
✔ लॉजिस्टिक्स और ट्रांसपोर्ट में सुधार
✔ यातायात जाम और सड़क दुर्घटनाओं में कमी
✔ शहरों की कनेक्टिविटी और आर्थिक वृद्धि में तेजी
source internet… साभार….
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