Friday , 5 September 2025
Home Uncategorized Mafia: गोंद माफिया सक्रिय : केमिकल इंजेक्शन से हो रही तस्करी, सेहत और पर्यावरण पर संकट
Uncategorized

Mafia: गोंद माफिया सक्रिय : केमिकल इंजेक्शन से हो रही तस्करी, सेहत और पर्यावरण पर संकट

गोंद माफिया सक्रिय : केमिकल इंजेक्शन

Mafia:इंदौर। इंदौर और आसपास के जंगलों में गोंद माफिया एक बार फिर सक्रिय हो गए हैं। मानपुर रेंज की वन विभाग टीम ने हाल ही में कार्रवाई कर करीब 16 क्विंटल गोंद जब्त किया। जांच में सामने आया कि यह गोंद प्राकृतिक तरीके से नहीं, बल्कि पेड़ों में केमिकल इंजेक्शन लगाकर निकाला गया है। यह शॉर्टकट तकनीक न केवल पेड़ों की उम्र घटा रही है, बल्कि इंसानी स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए भी गंभीर खतरा बनती जा रही है।

कैसे हो रहा है खेल

  • व्यापारी ग्रामीणों को शीशियों में केमिकल उपलब्ध कराते हैं।
  • पेड़ों के तनों में छेद कर यह रसायन डाला जाता है या इंजेक्शन से चढ़ाया जाता है।
  • 2-3 दिन में पेड़ से बड़ी मात्रा में गोंद बहने लगता है।
  • जहां सामान्य प्रक्रिया से रोजाना केवल 250 ग्राम गोंद निकलता है, वहीं रसायन से 1 किलो तक गोंद मिल जाता है।
  • इस अवैध मुनाफे के चलते जंगल तेजी से उजड़ रहे हैं।

सेहत पर असर

प्राकृतिक गोंद का उपयोग आयुर्वेदिक दवाओं, मिठाइयों, बेकरी उत्पादों, च्युइंग गम, स्याही, पेपर गम और सौंदर्य प्रसाधनों में होता है। लेकिन रसायनयुक्त गोंद:

  • अपनी गुणवत्ता खो देता है
  • लंबे समय तक सेवन से पेट, लिवर की बीमारियां, तेजी से वजन घटना और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
  • विशेषज्ञों के मुताबिक, शरीर में रसायन पहुंचते ही सेहत पर बुरा असर होता है।

पर्यावरण पर संकट

पूर्व पीसीसीएफ और पर्यावरणविद् डॉ. पी.सी. दुबे के अनुसार:

  • गोंद पेड़ की रक्षा प्रणाली का हिस्सा है।
  • यह कीटाणुओं और वायरस से लड़ता है।
  • रसायन इंजेक्शन से पेड़ों की उम्र घट जाती है और वे 8-10 साल में नष्ट हो जाते हैं।
  • धावड़ा गोंद सबसे पोषक माना जाता है और कैंसर की दवाओं में सिलाई गोंद का उपयोग होता है।

फैला हुआ नेटवर्क

अप्रैल महीने में इंदौर वन विभाग ने तीन बार कार्रवाई की। पूछताछ में पता चला कि गिरोह का नेटवर्क चोरल, बड़वानी और खंडवा के जंगलों तक फैला है। यहां से गोंद इकट्ठा कर इंदौर की मंडियों (छावनी, सियागंज और मारोठिया) तक सप्लाई किया जाता है। इससे न केवल जंगलों को नुकसान हो रहा है बल्कि सरकार को करोड़ों का राजस्व नुकसान भी हो रहा है।

वन विभाग सख्त

डीएफओ प्रदीप मिश्रा ने बताया कि अब व्यापारियों के गोदामों में गोंद का स्टॉक जांचा जाएगा। साथ ही गोंद की गुणवत्ता की जांच करवाने और रसायन बेचने वालों पर कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।

साभार…

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

Complaint: कार में भरकर ले गए बकरी चोर

पशुपालक ने थाने में दर्ज कराई शिकायत Complaint: चिचोली। चोरों ने कार...

New name: खजराना फ्लाईओवर का नया नाम होगा गणेश सेतु

आईडीए ने बोर्ड लगवाया, गणेश श्लोक भी लिखवाए New name: इंदौर(ई-न्यूज)। मध्यप्रदेश...

Statement: कांग्रेस नेता प्रतिपक्ष बोले हम आदिवासी हैं हिन्दु नहीं

कल उमंग सिंघार बैतूल से पहुंचे थे छिंदवाड़ा Statement: बैतूल। सोशल मीडिया...

Strategy: सितंबर से दिसंबर तक युवा और खेलों की बड़ी श्रृंखला, मंत्री विश्वास सारंग ने बनाई रणनीति

Strategy: भोपाल। केंद्रीय मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया की अध्यक्षता में बुधवार को...