सागर में 70 घन मीटर सागौन जप्त,कीमत लगभग 40 लाख
बैतूल:वन माफिया और हिस्ट्री शीटर राजू वाडिवा की गिरफ्तारी के बाद वन विभाग को बड़ी सफलता मिली है। उत्तर वन मंडल ने जब इतनी अवैध सागौन की लकड़ी देखी की टीम के होश उड़ गए।उत्तर वन मंडल की कार्यवाही से वन माफिया का बड़ा नेटवर्क परास्त हुआ है।
सागर में छापामार कार्यवाही

दिनांक 25 मई 2025 को उत्तर बैतूल वनमंडल ने उत्तर सागर एवं दक्षिण सागर वनमंडलों के साथ मिलकर एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया। सागर जिले स्थित कुंज बिहारी सॉ मिल पर छापेमारी कर भारी मात्रा में अवैध सागौन बरामद किया गया। यह कार्रवाई वनसंरक्षक बैतूल वासु कनोजिया के मार्गदर्शन में तथा बैतूल उत्तर वनमंडलाधिकारी नवीन गर्ग के निर्देशन में की गई।
ट्रेनी आईएफएस अधिकारी ने किया नेतृत्व
कार्रवाई का नेतृत्व प्रभारी परिक्षेत्र अधिकारी बैतूल विनोद जाखड़ (IFS) ने किया उनकी टीम में पी.एन.वर्डे वनपाल, यशवंतराव लिखितकर वनपाल, योगेश चौधरी, वनरक्षक एवं रदीश नायक, वनरक्षक शामिल रहे।यह छापा खारी बीट क्षेत्र में हुई अवैध लकड़ी कटाई के मामले में गिरफ्तार कुख्यात तस्कर राजू वाडिवा एवं अन्य 16 आरोपियों की निशानदेही पर डाला गया था। पूछताछ के दौरान आरोपियों ने सागौन लकड़ी को सागर की कुंज बिहारी सॉ मिल भेजने की बात कबूल की थी।
70 घन मीटर अवैध सागौन जप्त

संयुक्त टीम ने सॉ मिल के पीछे बने एक मकान से लगभग 70 घन मीटर सागौन चिरान एवं अधबना फर्नीचर बरामद किया गया जिसकी कीमत लगभग चालीस लाख रुपए बताई जा रही है। मौके से सॉ मिल के प्रबंधक जगदीश श्रीवास्तव को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा गया।
कौन है वन माफिया राजू वाड़ीवा

राजू वाडीवा के खिलाफ 1997 से लेकर अब तक पथरोटा, शाहपुर एवं तवानगर थाने में भादस/बीएनएस, विस्फोटक अधिनियम एवं रासुका की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत चोरी, मारपीट, लूटपाट, धोखाधड़ी सहित अन्य मामलों में 28 केस दर्ज है। साथ ही भारतीय वन अधिनियम एवं वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत बैतूल एवं नर्मदापुरम में शिकार तथा अवैध कटाई के 13 मामले दर्ज है। वह पिछले कई साल से फरार चल रहा था जिसे फरवरी 2025 में उत्तर वन मंडल ने गिरफ्तार किया था ।
ऐसे खुली परते

उत्तर वन मंडल के डीएफओ नवीन गर्ग ने बताया कि पिछले अक्टूबर में अवैध लकड़ी से भरा ट्रक पकड़ा था । इस मामले में गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि उनके गिरोह का सरगना राजू वाडिवा का है वन विभाग की टीम ने राजू वाडिवा की तलाश की और फरवरी 2025 में उसे पिपरिया से गिरफ्तार किया था ।जब राजू वाडिवा से पूछताछ की गई तो पूरे नेटवर्क के तार खुल गए ।सबसे पहले इनको फाइनेंस करने वाला शराब माफिया प्रमोद राजपूत वन विभाग के हाथ लगा जिसे शाहपुर पुलिस ने गिरफ्तार किया था ।जिसे वन विभाग को सौंपा था। दोनों के बयान और कॉल डिटेल से जगदीश श्रीवास्तव की जानकारी मिली थी।
Leave a comment