Mala Jaap Niyam – ईश्वर की पूजा में माला जप का बहुत ज्यादा महत्व माना गया है, लेकिन इसका पुण्य फल तभी आपको मिलता है जब आप इसे सही तरीके से करते हैं। माला जप का सही नियम और उपाय जाने
मंत्र जाप करने के लिए विभिन्न प्रकार की माला का प्रयोग किया जाता है | Mala Jaap Niyam
हिंदू धर्म में ईश्वर की पूजा करते समय देवी – देवतओं और ग्रह विशेष के लिए मंत्र जप का विधान है। पूजा में इस मंत्र को जपने के लिए विभिन्न प्रकार की माला का प्रयोग किया जाता है। सनातन परंपरा में अलग – अलग देवी और देवताओं की पूजा के लिए अलग- अलग माला से जप करने का विधान बताया गया है।
सिर्फ इतना ही नहीं किसी भी देवी और देवता का जप करते समय कुछ और जरूरी नियम भी बताए गये हैं, जिसकी अनदेखी करने पर अक्सर लोगों का मंत्र जप सफल नहीं होता है। प्रतिदिन तथा तीज और त्योहार पर माला जप करने का नियम विस्तार से जानते हैं।
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देवता के अनुसार करें माला का प्रयोग
हिंदू मान्यता के अनुसार किसी भी देवी या देवता का मंत्र जपने के लिए हमेशा उनसे संबंधित ही माला का प्रयोग करना चाहिए। मान्यता है कि यदि पीले चंदन या फिर तुलसी की माला से भगवान विष्णु, वैजयंती की माला से भगवान श्रीकृष्ण, रुद्राक्ष की माला से भगवान शिव, कमलगट्टे की माला से माता लक्ष्मी की, मोती की माला से चंद्रमा, मूंगे की माला से मंगल, हल्दी की माला से बृहस्पति का मंत्र जपने पर साधक को शीघ्र ही शुभ फल प्राप्त होता है।
कैसे करे माला से मंत्र का जाप | Mala Jaap Niyam
यदि आप अपने किसी देवी या देवता से संबंधित माला जप करना चाहते हैं तो सबसे पहले तन और मन से शुद्ध हो जाएं। इसके बाद एक साफ. सुथरी और शांत जगह पर बैठकर ही मंत्र का जप करें। माला जप को हमेशा अपने देवता से संबंधित रंग के आसन पर बैठकर ही करना चाहिए।
माला जप करने के बाद जिस आसन पर बैठते हैं, उसके नीचे दो बूंद जल गिराकर माथे से लगाना चाहिए, अन्यथा उसका पुण्य फल आपको नहीं मिलता है। माला जप हमेशा एक निश्चित संख्या में और एक निश्चित समय पर करने का प्रयास करें।
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माला जप करते समय गलती न करें
जिस माला से आप अपने देवी या देवता के लिए मंत्र जपते हैंए कभी भी उसे अपने गले में नहीं धारण करना चाहिए। कहने का तात्पर्य यह है कि माला जप के लिए हमेशा एक अलग माला का प्रयोग करें। हिंदू मान्यता के अनुसार कभी भी अपने गले में पहनी माला का प्रयोग मंत्र जप के लिए नहीं करना चाहिए और न ही किसी दूसरे की माला से अपने लिए मंत्र का जप करना चाहिए।
Source – Internet
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