Monitoring: भोपाल: भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने खाद्य सुरक्षा को लेकर एक बड़ा और प्रभावी कदम उठाया है। अब सभी फूड मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों और इम्पोर्टर्स को एक्सपायर या रिजेक्टेड फूड प्रोडक्ट्स की जानकारी हर तिमाही में ऑनलाइन अनुपालन पोर्टल फॉसकॉस (FoSCoS) पर जमा करनी होगी। एफएसएसएआई का यह निर्णय उपभोक्ताओं को सुरक्षित और गुणवत्ता वाले खाद्य उत्पाद उपलब्ध कराने के साथ-साथ खाद्य सुरक्षा नियमों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लिया गया है।
नए नियमों की मुख्य बातें:
- एक्सपायर और रिजेक्टेड प्रोडक्ट्स की रियल-टाइम मॉनिटरिंग:
- अब कंपनियां एक्सपायर हो चुके और गुणवत्ता जांच में फेल हुए उत्पादों की जानकारी समय पर देंगी।
- इन प्रोडक्ट्स को नॉन-ह्यूमन यूज के लिए सुरक्षित तरीके से डिस्पोज़ल या नीलामी (ऑक्शन) के जरिए निपटाया जाएगा।
- री-ब्रांडिंग और री-सेल पर रोक:
- एफएसएसएआई ने स्पष्ट किया है कि यह कदम एक्सपायर या रिजेक्टेड फूड प्रोडक्ट्स को री-पैकेज या री-लेबल करके इंसानों के लिए दोबारा बेचने से रोकने के लिए उठाया गया है।
- तिमाही रिपोर्टिंग का अनिवार्य नियम:
- सभी फूड मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों को हर तिमाही में एक्सपायर और रिजेक्टेड प्रोडक्ट्स की जानकारी एफएसएसएआई के फॉसकॉस पोर्टल पर जमा करनी होगी।
- यह नियम री-पैकेट और री-लेबल किए गए उत्पादों पर भी लागू होगा।
कंपनियों से मांगी गई तीन प्रमुख जानकारियां:
एफएसएसएआई ने कंपनियों को निम्न तीन बिंदुओं पर डेटा प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है:
- आंतरिक गुणवत्ता जांच में फेल उत्पादों की मात्रा:
- कंपनियों को उन उत्पादों की संख्या और विवरण देना होगा, जो आंतरिक जांच में विफल हो गए हैं।
- एक्सपायर या वापस लौटे उत्पादों का विवरण:
- खाद्य आपूर्ति श्रृंखला से लौटे एक्सपायर उत्पादों की जानकारी साझा करना अनिवार्य होगा।
- खराब उत्पादों के निस्तारण का रिकॉर्ड:
- खराब या अनुपयोगी उत्पादों के डिस्पोजल की प्रक्रिया, जैसे नष्ट करना, नीलामी, या अन्य उपयोग के रिकॉर्ड भी देना होगा।
- साथ ही, इन्हें खरीदने वाले खरीदारों और कचरा निपटान एजेंसियों की जानकारी भी अनिवार्य होगी।
एफएसएसएआई का उद्देश्य:
- उपभोक्ताओं तक गुणवत्ता वाले खाद्य उत्पाद पहुंचाना।
- खाद्य सुरक्षा मानकों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करना।
- खराब और एक्सपायर हो चुके उत्पादों को बाजार में दोबारा आने से रोकना।
- खाद्य निस्तारण प्रक्रिया में पारदर्शिता लाना।
नए कानून का प्रभाव:
- फूड मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों पर निगरानी बढ़ेगी।
- उपभोक्ता हितों की सुरक्षा के लिए खाद्य उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार होगा।
- खराब उत्पादों का उचित और सुरक्षित निपटान सुनिश्चित होगा।
- री-पैकेजिंग और री-ब्रांडिंग के जरिए खराब खाद्य पदार्थों को बाजार में बेचने पर अंकुश लगेगा।
एफएसएसएआई का यह कदम खाद्य सुरक्षा के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि है। इससे न केवल खाद्य उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार होगा, बल्कि उपभोक्ताओं को भी सुरक्षित और बेहतर उत्पाद मिलने की संभावना बढ़ेगी। कंपनियों को अब जल्दी से डेटा जुटाकर तिमाही रिपोर्ट जमा करनी होगी ताकि इस नए नियम का पालन सुनिश्चित किया जा सके।
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