मृतिका के भाई की शिकायत पर कोर्ट ने दोबारा जांच के दिए आदेश
Order: भोपाल(ई-न्यूज)। कांग्रेस नेत्री सरला मिश्रा की मौत का मामला एक बार फिर मीडिया की सुर्खियां बन गया है। 27 साल बाद फिर इस मामले की चर्चा होने लगी है। कल उनके भाई अनुराग मिश्रा शिकायत दर्ज कराने टीटी नगर थाने पहुंचे। उन्होंने थाने में दिए गए शिकायती आवेदन में पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह, उनके भाई, और तत्कालीन तीन जांच अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप लगाया। थाना प्रभारी मानसिंह चौधरी ने कहा कि शिकायत प्राप्त हुई है। जांच में सामने आए तथ्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। अनुराग मिश्रा ने कहा कि तत्कालीन विवेचना अधिकारियों ने जानबूझकर लापरवाही की। इसी का नतीजा है कि इतने साल बाद भी पीडि़त परिवार को न्याय नहीं मिला।
पूर्व सीएम और उनके भाई पर लगाए आरोप
पूर्व सीएम और उनके भाई पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि आपराधिक षड्यंत्र के कारण हत्या को आत्महत्या में बदला गया। अनुराग मिश्रा ने जांच में लापरवाही बरतने वाले तत्कालीन जांच अधिकारी महेंद्रसिंह करचुली, केएस सिंह, एसएम जैदी, डॉ. डीके सतपथी, और शासकीय अधिकारी डॉ. योगीराज शर्मा के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। थाने में दिए अपने शिकायती आवेदन के साथ कोर्ट की ऑर्डरशीट की कॉपी भी संलग्न की।
कोर्ट ने खारिज की थी खात्मा रिपोर्ट
16 अप्रैल 2025 को पुलिस ने खात्मा रिपोर्ट पेश की, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया। कोर्ट ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए जांच में गंभीर खामियां पाईं। मृतका के मृत्यु पूर्व बयान की मेडिकल पुष्टि नहीं की गई। बयान के समर्थन में जो कागज के टुकड़े मिले, उनकी भी जांच नहीं कराई गई। घटनास्थल से कोई फिंगरप्रिंट नहीं लिया गया। पुलिस ने वर्ष 2000 में केस की फाइल बंद की। खात्मा रिपोर्ट 19 साल तक कोर्ट में पेश नहीं की। घटना के समय सरला मिश्रा ने जिस लैंडलाइन से कॉल किया था, उसकी कॉल डिटेल नहीं निकाली गई।
हत्या को आत्महत्या दिखाया
अनुराग मिश्रा ने कहा कि बहन की मौत के मामले में जिन अधिकारियों ने लापरवाही की, उन सभी की भूमिका की जांच हो। पूर्व सीएम और उनके भाई के दबाव के कारण पूरी जांच दबा दी गई। इसलिए इनके खिलाफ भी जांच होनी चाहिए। जो भी दोषी हो, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए। साभार…
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