Organizing committee: राज्य सरकार ने अवैध हथियार और गोला-बारूद पर नियंत्रण के लिए एक विशेष कार्ययोजना तैयार करने की पहल की है। यह कदम हरदा जिले में अवैध पटाखा फैक्ट्री में हुए विस्फोट और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद उठाया गया है।
राज्य सरकार ने 5 सदस्यीय समिति का गठन किया है, जिसका नेतृत्व मुख्य सचिव करेंगे। अन्य सदस्य इस प्रकार हैं:
- अपर मुख्य सचिव (गृह विभाग) – सदस्य सचिव।
- पुलिस महानिदेशक या पुलिस महानिरीक्षक।
- सचिव, विधि एवं विधायी कार्य विभाग।
- विनय मिश्रा (बैलेस्टिक विशेषज्ञ, वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी)।
समिति का कार्यक्षेत्र:
समिति 10 हफ्तों में अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को प्रस्तुत करेगी। इसमें मुख्य बिंदु निम्न होंगे:
- अवैध हथियार और गोला-बारूद के निर्माण, विक्रय और परिवहन पर रोक: ऐसी गतिविधियों की पहचान और नियंत्रण के उपाय।
- लाइसेंस प्राप्त और गैर-लाइसेंस प्राप्त फैक्ट्रियों का निरीक्षण: हथियार और गोला-बारूद बनाने वाले केंद्रों का विश्लेषण।
- डेटा संग्रह: अवैध गतिविधियों से जुड़े आंकड़े सुरक्षित करना।
- तस्करी की रोकथाम: तस्करी के खिलाफ कार्रवाई के ठोस कदम।
- अपराधों में उपयोग पर अध्ययन: अवैध हथियारों के सामाजिक प्रभाव और रोकथाम के उपाय।
सुप्रीम कोर्ट का निर्देश:
नवंबर 2024 में सुप्रीम कोर्ट ने एमपी सहित सभी राज्यों को अवैध हथियारों और विस्फोटकों से संबंधित मामलों में रिपोर्ट सौंपने के लिए 10 हफ्तों का समय दिया था। समिति इस निर्देश के तहत कार्य करेगी।
एनटीए की राज्य स्तरीय समन्वय समिति:
एक अन्य पहल के तहत, उच्च शिक्षा संस्थानों में प्रवेश परीक्षा आयोजित करने वाली नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) के लिए भी राज्य स्तरीय समन्वय समिति का गठन किया गया है। इसमें निम्न सदस्य शामिल हैं:
- अपर मुख्य सचिव, उच्च शिक्षा विभाग।
- एडीजी, कानून और व्यवस्था।
- डीजी, एनटीए के मनोनीत नोडल अफसर।
- एनआईसी स्टेट इन्फार्मेटिक्स ऑफिसर।
- इंटेलिजेंस ब्यूरो (MP) के ज्वाइंट डायरेक्टर।
यह समिति परीक्षा संचालन में सहयोग और निगरानी का कार्य करेगी।
source internet… साभार….
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