Virus: चीन में तबाही मचा रहे HMPV (ह्यूमन मेटापन्यूमोवायरस) के भारत में अब तक 8 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से 6 मामले शिशुओं में दर्ज किए गए हैं। इस वायरस के लक्षण सामान्य सर्दी-जुकाम या फ्लू जैसे हैं, लेकिन गंभीर मामलों में यह ब्रोंकाइटिस और निमोनिया का कारण बन सकता है।
HMPV वायरस के जोखिम समूह
- शिशु और छोटे बच्चे: 4 से 6 महीने के बच्चों में सबसे अधिक मामले।
- बुजुर्ग और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोग: इनमें संक्रमण का खतरा ज्यादा।
वायरस के सामान्य लक्षण
- सर्दी-जुकाम और बुखार।
- सांस लेने में घरघराहट।
- खांसी, थकान, और तेज बुखार।
विशेषज्ञ की राय:
डॉ. आर. डी. श्रीवास्तव के अनुसार, भारत में HMPV वायरस के अधिकांश मामले शिशुओं में देखे गए हैं। बच्चों के फ्लू जैसे लक्षणों को अनदेखा करना खतरनाक हो सकता है।
क्या HMPV वायरस जानलेवा है?
डॉ. अंकित बंसल का कहना है कि HMPV कोई नया वायरस नहीं है और अभी तक यह भारत में घातक नहीं रहा है। चीन में इसके बढ़ते मामलों के पीछे नया म्यूटेशन हो सकता है, लेकिन भारत में अभी इसके गंभीर खतरे की पुष्टि नहीं हुई है।
सर्दियों में बढ़ता खतरा
ठंड के मौसम में रेस्पिरेटरी बीमारियां बढ़ जाती हैं। HMPV के सामान्य लक्षणों को नजरअंदाज न करें। यह वायरस संक्रमित व्यक्ति के संपर्क या वायरस से संक्रमित वस्तु को छूने से फैल सकता है।
बचाव के उपाय
- साफ-सफाई: बार-बार हाथ धोएं।
- संक्रमित व्यक्ति से दूरी: मास्क का उपयोग करें।
- बच्चों की विशेष देखभाल: बुखार, जुकाम, या सांस लेने में समस्या होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
- भीड़भाड़ से बचें: बच्चों और बुजुर्गों को ज्यादा सतर्क रहने की आवश्यकता है।
HMPV वायरस का इलाज
इस वायरस के लिए कोई वैक्सीन या एंटीवायरल दवा उपलब्ध नहीं है। बचाव ही इसका सबसे प्रभावी तरीका है। कोरोना वायरस की तरह ही HMPV से बचाव के लिए सावधान रहना जरूरी है।
सरकार की पहल
भारत सरकार ने राज्यों को रेस्पिरेटरी डिजीज पर निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। इंफ्लुएंजा और HMPV जैसे मामलों को मॉनिटर करने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। HMPV वायरस से डरने की जरूरत नहीं है, लेकिन सतर्कता और बचाव बेहद जरूरी है। बच्चों और बुजुर्गों की विशेष देखभाल करें और लक्षण दिखने पर डॉक्टर से परामर्श लें।
source internet… साभार….
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