Plane accidents:इंदौर/अहमदाबाद। 12 जून को अहमदाबाद में हुए विमान हादसे में जान गंवाने वाली हरप्रीत कौर होरा की याद अब सामाजिक बदलाव का जरिया बनेगी। उनके माता-पिता महेंद्र पाल सिंह होरा और बलजीत कौर होरा ने शनिवार, 19 जुलाई को ‘राम हरप्रीत मेमोरियल ट्रस्ट’ की शुरुआत की। यह ट्रस्ट वंचित और जरूरतमंद बालिकाओं को शिक्षा, नैतिकता और सशक्तिकरण की दिशा में मदद करेगा।
💔 निजी दुख को बनाया जन सेवा का संकल्प
हरप्रीत के पिता ने कहा,
“यह एक व्यक्तिगत और भावनात्मक निर्णय है। हम चाहते हैं कि हरप्रीत की आत्मा और उसके मूल्य जीवित रहें।”
गुरुपर्व के पावन अवसर पर जब देशभर में श्री गुरु हरकृष्ण जी का प्रकाश पर्व मनाया जा रहा था, तब इंदौर के राजमोहल्ला क्षेत्र में एक छोटी सी लेकिन महत्वपूर्ण शुरुआत हुई — हरप्रीत के नाम पर एक उम्मीद की किरण जली।
🎗️ ट्रस्ट की शुरुआती पूंजी और भविष्य की योजना
परिवार ने ट्रस्ट के लिए प्रारंभिक रूप से 2 लाख रुपए का योगदान दिया है। साथ ही, अगर हादसे से संबंधित कोई बीमा या मुआवजा राशि मिलती है, तो वे उसे भी पूरी तरह ट्रस्ट को समर्पित करेंगे। उन्होंने इंदौर गुरुद्वारा समिति से मार्गदर्शन और सामुदायिक सहयोग की अपील की है।
✈️ बेटी की आखिरी उड़ान: पति को बर्थडे सरप्राइज देने जा रही थीं
30 वर्षीय हरप्रीत कौर एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर थीं। वह बेंगलुरु की एक आईटी कंपनी में कार्यरत थीं और हाल ही में रिमोट वर्क की सुविधा के तहत लंदन शिफ्ट हुई थीं।
उनके पति रॉबी होरा, लंदन में एक क्लाउड आर्किटेक्ट के रूप में कार्यरत हैं।
हरप्रीत ने पहले 19 जून की फ्लाइट बुक की थी, लेकिन पति को बर्थडे सरप्राइज देने के लिए उसने टिकट बदलकर 12 जून कर ली। वह अहमदाबाद से एयर इंडिया की AI-171 फ्लाइट में सवार हुईं। दुर्भाग्यवश, यह फ्लाइट हादसे का शिकार हो गई।
उनकी पहचान बहन सिमरन द्वारा दिए गए डीएनए सैंपल से हुई और अंतिम संस्कार अहमदाबाद में संपन्न हुआ।
🌸 स्मृति से सेवा तक: बेटी की सोच को दिशा देना चाहते हैं मां-पिता
हरप्रीत के माता-पिता का कहना है कि वे उसकी विचारधारा और संवेदनशीलता को आगे ले जाना चाहते हैं। पिता महेंद्र पाल सिंह कहते हैं,
“हरप्रीत सिर्फ एक प्रोफेशनल नहीं थी, वह संवेदनशील और समाज के लिए कुछ करने की इच्छुक थी। अब हम उसकी जगह उसका सपना पूरा करना चाहते हैं।”
साभार…
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