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Political controversies: महू में राहुल और प्रियंका गांधी की सभा: प्रशासनिक शर्तों से राजनीतिक विवाद

महू में राहुल और प्रियंका गांधी की सभा:

Political controversies:मध्यप्रदेश के महू में 27 जनवरी को कांग्रेस द्वारा आयोजित सभा के लिए जिला प्रशासन ने अनुमति तो दी है, लेकिन आठ शर्तें लागू कर दी हैं। इनमें सबसे विवादास्पद शर्त यह है कि सभा के दौरान राजनीतिक और धर्म विरोधी भाषण देने पर प्रतिबंध रहेगा। यह निर्णय कांग्रेस के राजनीतिक उद्देश्य को जटिल बनाता दिख रहा है, क्योंकि सभा का आयोजन संविधान निर्माता बाबा साहब अंबेडकर के विचारों और अनुसूचित जाति-जनजाति के समर्थन को ध्यान में रखकर किया जा रहा है।


प्रशासनिक शर्तें और उनकी मुख्य बातें:

  1. राजनीतिक और धर्म विरोधी भाषण प्रतिबंधित:
    • सभा के दौरान मंच से राजनीतिक बयान देने की अनुमति नहीं होगी।
    • यह शर्त कांग्रेस के लिए चुनौतीपूर्ण है, क्योंकि सभा का मुख्य उद्देश्य राजनीतिक मुद्दों को उठाना है।
  2. अन्य शर्तें:
    • आयोजन स्थल पर ज्वलनशील पदार्थ, धारदार हथियार, नशा और आतिशबाजी की अनुमति नहीं होगी।
    • यातायात और पार्किंग व्यवस्था सुचारू होनी चाहिए।
    • आयोजकों को 10% स्वयंसेवकों की तैनाती करनी होगी।
    • ध्वनि विस्तारक यंत्रों के उपयोग में नियमों का पालन अनिवार्य होगा।
    • डीजे पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।
    • किसी भी दुर्घटना या व्यवधान की जिम्मेदारी आयोजकों की होगी।

कांग्रेस की रणनीति:

कांग्रेस ने इस सभा के जरिए संविधान निर्माता बाबा साहब अंबेडकर को केंद्र में रखते हुए अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग का समर्थन हासिल करने की योजना बनाई है।

  • जय बापू, जय भीम, जय संविधान अभियान:
    यह कार्यक्रम कांग्रेस की नई राजनीतिक दिशा का संकेत है, जिसमें अंबेडकर के विचारों को केंद्र में रखकर अनुसूचित वर्ग को जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है।
  • संविधान बचाओ पदयात्रा:
    • इस पदयात्रा को एक वर्ष तक चलाने की योजना है।
    • इसका उद्देश्य संवैधानिक मूल्यों और अधिकारों को संरक्षित करने के लिए जनजागरूकता फैलाना है।

विवाद और प्रभाव:

प्रशासनिक शर्तों ने कांग्रेस को असमंजस में डाल दिया है, क्योंकि सभा का मुख्य उद्देश्य राजनीतिक मुद्दों को उठाना था।

  • राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि प्रशासनिक शर्तें अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को सीमित कर सकती हैं।
  • कांग्रेस के नेताओं ने शर्तों पर असहमति जताई है और सवाल उठाए हैं कि यदि राजनीतिक भाषण नहीं होंगे, तो सभा का उद्देश्य कैसे पूरा होगा।

आगे की राह:

कांग्रेस की सभा पर सभी की नजरें टिकी हैं। यदि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी राजनीतिक भाषण देते हैं, तो यह प्रशासनिक शर्तों का उल्लंघन होगा। इसके चलते कानूनी विवाद भी हो सकता है।
यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि कांग्रेस इस स्थिति से कैसे निपटती है और सभा का उद्देश्य किस प्रकार पूरा करती है।

source internet…  साभार…. 

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