Saturday , 15 February 2025
Home Uncategorized Changes in the business: नई आबकारी नीति: धार्मिक शहरों में शराबबंदी और शराब कारोबार में बदलाव
Uncategorized

Changes in the business: नई आबकारी नीति: धार्मिक शहरों में शराबबंदी और शराब कारोबार में बदलाव

नई आबकारी नीति: धार्मिक शहरों

20% वृद्धि के साथ शराब दुकानों का होगा आवंटन

Changes in the business: मध्यप्रदेश में मोहन यादव कैबिनेट ने 1 अप्रैल 2025 से लागू होने वाली नई आबकारी नीति को मंजूरी दे दी है। इस नीति में शराब दुकानों के आवंटन, शराब बिक्री के प्रारूप और अवैध कारोबार पर रोकथाम के लिए कई बड़े बदलाव किए गए हैं।


नीति की प्रमुख बातें:

  1. शराब दुकानों का आवंटन मूल्य बढ़ा:
    • चालू वित्त वर्ष के मुकाबले 20% वृद्धि के साथ शराब दुकानों का आवंटन होगा।
    • दुकानें नवीनीकरण, लॉटरी और ई-टेंडर के माध्यम से आवंटित की जाएंगी।
  2. धार्मिक शहरों में शराबबंदी:
    • 17 धार्मिक स्थानों की 47 शराब दुकानों और बार को पूरी तरह बंद किया जाएगा।
    • दुकानों को कहीं और शिफ्ट नहीं किया जाएगा।
    • इस कदम से सरकार को 450 करोड़ रुपये के राजस्व घाटे का अनुमान है।
    शराबबंदी वाले स्थान:
    • उज्जैन, ओंकारेश्वर, मंडलेश्वर, ओरछा, मैहर, चित्रकूट, दतिया, पन्ना, मंडला, मुलताई, मंदसौर, अमरकंटक और अन्य।
    • ग्राम पंचायतों जैसे बांदकपुर, सलकनपुर, कुंडलपुर, बरमान कलां, लिंगा, बरमान खुर्द की दुकानें भी बंद होंगी।
  3. नई श्रेणियों की शुरुआत:
    • बार श्रेणी:
      • केवल बीयर, वाइन और RTD (रेडी-टू-ड्रिंक) ड्रिंक्स की बिक्री होगी।
      • युवाओं में शराब के सेवन को नियंत्रित करने का प्रयास।
  4. ट्रैकिंग और डिजिटल सुधार:
    • सभी शराब दुकानों पर पीओएस मशीनें अनिवार्य।
    • ट्रैक एंड ट्रेस सिस्टम लागू होगा।
    • कारोबार में धोखाधड़ी रोकने के लिए ई-चालान और ई-बैंक गारंटी अनिवार्य।
  5. देसी शराब में बदलाव:
    • 90 एमएल और 180 एमएल की नई पैकेजिंग।
    • 180 एमएल में टेट्रा पैक भी शुरू किया जाएगा।
    • अवैध शराब पर अंकुश के लिए 60 डिग्री की कम तेज़ी वाली देसी शराब की नई श्रेणी।
  6. ऑटोमेशन और विदेशी शराब:
    • विदेशी शराब वेयरहाउस में स्मार्ट ऑटोमेशन
    • ड्यूटी दरों को ईडीपी आधारित एड वेलोरेम किया जाएगा।

सरकार का उद्देश्य:

  • धार्मिक स्थानों पर शराबबंदी के जरिए सामाजिक और सांस्कृतिक मूल्यों को बढ़ावा देना।
  • अवैध शराब कारोबार पर लगाम लगाना।
  • आधुनिक और पारदर्शी डिजिटल सिस्टम के माध्यम से शराब कारोबार को सुव्यवस्थित करना।
  • युवाओं में शराब की प्रवृत्ति को नियंत्रित करना।

आलोचना और संभावित प्रभाव:

  • धार्मिक स्थलों पर शराबबंदी का स्वागत किया जा रहा है, लेकिन राजस्व घाटे पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
  • नई नीति में आधुनिक तकनीक के उपयोग को व्यवसायियों ने सकारात्मक बताया है, लेकिन ट्रैक एंड ट्रेस सिस्टम और ई-गैरेन्टी जैसे नियम छोटे व्यवसायियों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं।
  • देसी शराब की पैकेजिंग और बार श्रेणी की शुरुआत से युवाओं में शराब सेवन को नियंत्रित करने की सरकार की मंशा पर बहस जारी है।

नई आबकारी नीति धार्मिक और सामाजिक सुधारों के साथ व्यापारिक पारदर्शिता लाने का प्रयास है। हालांकि, राजस्व घाटा और नई प्रणाली की व्यवहार्यता को लेकर आने वाले समय में चुनौतीपूर्ण स्थिति उत्पन्न हो सकती है।

source internet…  साभार…. 

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

Petition: बैतूल ब्लाक मामले में सुप्रीम कोर्ट से याचिका खारिज

अब ट्रायवल के सात ब्लाक हो जाएंगे Petition: बैतूल। जिले के 10...

Advice: मौसम बदलते ही बढ़ी मरीजों की संख्या

डॉक्टरों ने फ्रिज के पानी और एसपी से बचने दी सलाह Advice:...

Betul news: 13 दिन से लापता आर्मी जवान मिला चिचोली में

बोला अपहरण हो गया था गाड़ी से कूदकर भागा Betul news: चिचोली।...

White Revolution: मध्यप्रदेश में ‘श्वेत क्रांति’ का विस्तार

White Revolution: मध्यप्रदेश अपने खाद्य और डेयरी उद्योग में वैश्विक निवेश को...