Political News – ग्वालियर में हाईकोर्ट ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक विधायक जजपाल सिंह उर्फ जज्जी का जाति प्रमाण पत्र निरस्त कर दिया है। साथ ही अशोकनगर एसपी को फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवाने के मामले में विधायक पर एफआईआर दर्ज करने के निर्देश भी दिए हैं। हाईकोर्ट ने 50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। हाईकोर्ट की एकल पीठ ने विधायक की विधानसभा सदस्यता खत्म करने के लिए भी स्पीकर गिरीश गौतम को पत्र लिखा है। अशोकनगर विधायक ने अनुसूचित जाति के प्रमाण पत्र का उपयोग कर आरक्षित सीट से चुनाव लड़ा था और जीता भी था।
जजपाल सिंह जज्जी ने ग्वालियर अंचल की अशोकनगर विधानसभा सीट से साल 2018 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था। उन्होंने भाजपा के लड्डूराम कोरी को हराया था। चुनाव हारने के बाद लड्डूराम ने हाईकोर्ट में जजपाल सिंह के जाति प्रमाण पत्र के खिलाफ याचिका दायर की थी। हालांकि, इसके बाद जज्जी ने साल 2020 में भाजपा के टिकट पर उपचुनाव जीता था। जबकि ये केस 2018 के चुनाव के मामले में जुड़ा है।
पंजाब के रहने वाले हैं जजपाल सिंह(Political News)
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता संगम जैन ने याचिका के साथ जजपाल सिंह के बनवाए सभी जाति प्रमाण पत्रों को पेश किया। जज्जी ने कीर जाति का प्रमाण पत्र बनवाया था। यह जाति पंजाब प्रांत में अनुसूचित जाति की श्रेणी में आती है, लेकिन मध्यप्रदेश में यह सामान्य वर्ग में आती है। इसलिए जजपाल सिंह को मध्यप्रदेश में आरक्षण नहीं दिया जा सकता है। वह मूल रूप से पंजाब के रहने वाले हैं और इनका प्रमाण पत्र वहीं बनेगा। उसी राज्य में लागू होगा।
हाईकोर्ट ने पहले जाति प्रमाण पत्र को लेकर दायर याचिका की सुनवाई की। आगे सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की एकल पीठ के जज जीएस आहलूवालिया ने प्रमाण पत्र को गलत पाते हुए निरस्त कर दिया। साथ ही अशोक नगर एसपी को विधायक जजपाल सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं।
तो विधानसभा से भी जाएगी सदस्यता
हाईकोर्ट की एकल पीठ ने अशोकनगर विधायक के खिलाफ धोखाधड़ी की एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया। साथ ही मध्यप्रदेश विधानसभा के स्पीकर को लिखा कि इस विधायक की सदस्यता को खत्म किया जाए। हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद अब अशोकनगर विधायक व सिंधिया समर्थक जजपाल सिंह उर्फ जज्जी की सदस्यता खत्म हो सकती है।
साल 2018 में चुनाव व 2020 में उपचुनाव जीते थे(Political News)
अशोक नगर विधायक जजपाल सिंह कट्टर सिंधिया समर्थक हैं। साल 2018 के विधानसभा चुनाव में वह अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित अशोक नगर विधानसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े थे। पर मार्च 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में शामिल होने के बाद अशोक नगर विधायक ने भी कांग्रेस से बगावत की थी। इसके बाद नवंबर 2020 में हुए उपचुनाव में उन्होंने भाजपा के टिकट पर अशोक नगर से चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की थी। वर्तमान में वह भाजपा से विधायक हैं।
Leave a comment