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Politics: आपरेशन सिंदूर के डेलीगेशन पर क्यों हो रही राजनीति?

आपरेशन सिंदूर के डेलीगेशन पर

Politics: नई दिल्ली(ई न्यूज)। आपरेशन सिंदूर के बाद भारत सरकार ने अपनी ओर से ऑल पार्टी डेलीगेशन बनाया है। यह सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल प्रतिनिधिमंडल संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्यों से मिलेंगे और सीमा पार आतंकवाद पर भारत का रुख स्पष्ट करेंगे। कांग्रेस ने सरकार पर राजनीति करने का आरोप लगाया है।


देश का मजबूती से रखेंगे पक्ष


ऑपरेशन सिंदूर और सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भारत की निरंतर लड़ाई के संदर्भ में मोदी सरकार ने सर्वदलीय प्रतिनिमंडल भेजने का फैसला किया है। सरकार की तरफ से चुने गए सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल इस महीने के अंत में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्यों सहित प्रमुख साझेदार देशों का दौरा करने वाले हैं। सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए भारत की राष्ट्रीय सहमति और दृढ़ दृष्टिकोण को प्रदर्शित करेगा। वे आतंकवाद के खिलाफ शून्य-सहिष्णुता के देश के मजबूत संदेश को दुनिया के सामने रखेंगे।


ऐसे हुई सदस्यों की चयन प्रक्रिया


सरकार के अनुसार प्रतिनिधिमंडल में विभिन्न दलों के संसद सदस्य, प्रमुख राजनीतिक हस्तियां और प्रतिष्ठित राजनयिक को शामिल किया गया है। इससे पहले सरकार ने विभिन्न राजनीतिक दलों से प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों के नाम मांगे थे। इस क्रम में कांग्रेस से भी नाम मांगे गए थे। इसके बाद सरकार ने अपनी तरफ से भी नामों को चुना है। सरकार पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि प्रतिनिधिमंडल में विभिन्न राजनीतिक दलों के सदस्यों के साथ ही प्रमुख राजनीतिक हस्तियां और प्रतिष्ठित राजनयिक को भी शामिल किया है। ऐसे में राजनीतिक दलों के प्रस्ताव से इतर भी नाम सूची में हैं। शशि थरूर ऐसा ही नाम है जो पार्टी की तरफ से ना होकर सरकार की तरफ से प्रतिनिधि मंडल का हिस्सा हैं।


अब कांग्रेस कर रही राजनीति


इस पूरे मामले को लेकर कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस नेता जयराम रमेश का कहना है कि कल सुबह संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कांग्रेस अध्यक्ष और लोकसभा में विपक्ष के नेता से बात की। कांग्रेस से पाकिस्तान से आतंकवाद पर भारत के रुख को स्पष्ट करने के लिए विदेश भेजे जाने वाले प्रतिनिधिमंडल के लिए 4 सांसदों के नाम प्रस्तुत करने को कहा गया। कल 16 मई को दोपहर तक लोकसभा में विपक्ष के नेता ने संसदीय कार्य मंत्री को पत्र लिखकर कांग्रेस की ओर से 4 सांसदों के नाम दिए। कांग्रेस का कहना है कि पार्टी ने थरूर का नाम नहीं दिया था। ऐसे में सरकार ने थरूर का नाम तो प्रतिनिधिमंडल में शामिल किया लेकिन जो नाम पार्टी की तरफ से दिए गए उन्हें शामिल नहीं किया गया है। जयराम रमेश का कहना है कि गंभीर मामले को लेकर खेल खेला जा रहा है। सरकार डैमेज कंट्रोल की कोशिश में जुटी है। ये वादाखिलाफी है।


कांग्रेस को घेरने में जुटी बीजेपी


वहीं बीजेपी ने कांग्रेस की तरफ से सुझाए गए चार नामों में से दो नाम गौरव गोगोई और सैयद नासिर हुसैन पर आपत्ति जताई है। असम के सीएम और बीजेपी नेता हिमंता बिस्वा सरमा का कहना है कि सूची में नामित सांसदों में से एक (असम से) ने पाकिस्तान में अपने लंबे समय तक रहने से इनकार नहीं किया है।

साभार…

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