मार्च का महीना आमतौर पर वित्तीय लेन-देन और संपत्ति पंजीयन के लिए बेहद व्यस्त होता है, इसलिए पंजीयन कार्यालयों को अवकाश के दिन भी खोलने का फैसला तर्कसंगत लगता है।
मुख्य बिंदु:
- रविवार को भी पंजीयन कार्यालय खुले:
- आम जनता को सुविधा देने के लिए अतिरिक्त दिन काम होगा।
- इससे अंतिम समय में होने वाली भीड़ को कम करने में मदद मिलेगी।
- स्लॉट बुकिंग की संख्या बढ़ी:
- पहले 18 स्लॉट होते थे, अब 33 हो गए।
- इससे लंबी वेटिंग लिस्ट कम होगी और अधिक दस्तावेज पंजीकृत हो सकेंगे।
- वित्त वर्ष का अंतिम महीना:
- संपत्ति खरीद-फरोख्त और अन्य कानूनी दस्तावेजों की रजिस्ट्री बढ़ जाती है।
- इससे सरकार के राजस्व में भी वृद्धि होगी।
आपका क्या विचार है?
- क्या यह कदम आम नागरिकों के लिए मददगार साबित होगा?
- क्या आपको लगता है कि इस तरह की व्यवस्था पूरे साल लागू होनी चाहिए, खासकर उन शहरों में जहां रजिस्ट्री की ज्यादा डिमांड रहती है?
- source internet… साभार….
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