कमलनाथ की नाराजगी की बात पर दिग्विजय भी सहमत
Resentment: भोपाल(ब्यूरो)। एक समय में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद के गंभीर दावेदार रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री, कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव रहे एवं मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री तथा वर्षों तक मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रहे कमलनाथ अब कांग्रेस संगठन से नाराज चल रहे हैं। बताया जा रहा है कि कांग्रेस में अपनी पूछ परख खत्म होने से वे बहुत नाराज हैं और कांग्रेस के दूसरे राष्ट्रीय महासचिव और सांसद दिग्विजय सिंह भी कमलनाथ की नाराजगी पर सहमति जता रहे हैं। इससे स्पष्ट है कि कांग्रेस में बुजुर्ग नेताओं को किनारे कर दिया गया है।
वर्चुअल मीटिंग में आई कमलनाथ की पीड़ा सामने
1980 में पहली बार छिंदवाड़ा से सांसद निर्वाचित होने के बाद 2023 के विधानसभा चुनाव तक मध्यप्रदेश के स्तर पर कांग्रेस में लोकसभा और विधानसभा दोनों चुनावों में टिकट बंटवारे में कमलनाथ की अहम भूमिका होती थी और हर चुनाव कांग्रेस पार्टी कमलनाथ निजी हैलीकाप्टर का भरपूर उपयोग करती थी। उद्योगपति एवं अति संपन्न व्यवसायी के रूप में कमलनाथ की पहचान बनी हुई है। लेकिन 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद हार का ठीकरा कमलनाथ के सिर फूटा और उन्हें बगैर बताए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से रूखसत कर दिया गया। तभी से कमलनाथ कांग्रेस संगठन से नाराज चल रहे थे। लेकिन अब उन्होंने अपनी नाराजगी खुलकर जाहिर कर दी है। उन्होंने भरी मीटिंग में कहा कि मुझसे कुछ पूछा नहीं जाता। मीटिंग की सूचना भी नहीं दी जाती। कमलाथ की इस बात का पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह और पूर्व सांसद मीनाक्षी नटराजन ने भी समर्थन किया।
वर्चुअल मीटिंग के दौरान हुआ ऐसा वाक्या
गौरतलब है कि कांग्रेस गणतंत्र दिवस के अवसर पर महू में जय भीम, जय बापू, जय संविधान रैली का आयोजन करने जा रही है। और इस आयोजन में कांग्रेस के दिग्गज नेता शामिल हो रहे हैं। बताया जा रहा है कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी भी आयोजन में शामिल हो सकते हैं और इसी आयोजन की तैयारियों को लेकर मध्यप्रदेश कांग्रेस की पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी की वर्चुअल मीटिंग हुई। जिसमें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, पूर्व सीएम कमलनाथ, दिग्विजय सिंह समेत कमेटी के तमाम सदस्य जुड़े थे।
संगठन की नियुक्ति में नहीं चल रही कमलनाथ की
इसी वर्चुअल मीटिंग में कमलनाथ ने पिछले एक वर्ष की अपनी उपेक्षा की हर तरह की पीड़ा एक बार में ही व्यक्त कर दी। एक जमाने सांसद-विधायक प्रत्याशी का टिकट बांटने वाले से अब संगठन की छोटी-छोटी नियुक्तियों के लिए भी नहीं पूछा जा रहा है और यह स्वयं कमलनाथ का कहना है। वर्चुअल मीटिंग में कमलनाथ ने कहा आजकल ऐसा चल रहा है कि नियुक्तियों में मुझसे पूछा तक नहीं जाता। भले किसी के कहने से किसी की नियुक्ति हो न हो, लेकिन सीनियर्स से चर्चा करनी चाहिए। बैठकों की मुझे कोई सूचना नहीं दी जाती। अखबारों से पता चलता है कि कांग्रेस की बैठक थी।
कमलनाथ की नाराजगी पर दिग्गी की मोहर
कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव एवं 10 वर्षों तक मध्यप्रदेश के शक्तिशाली मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह आज भी कांग्रेस हाईकमान के अति निकट माने जाते हैं। वर्तमान में राज्यसभा सांसद भी हैं। और लंबे समय से प्रदेश में कमलनाथ के साथ जोड़ी बनाकर काम करते आए हैं। प्रदेश के कुछ क्षेत्र में कमलनाथ तो बाकी क्षेत्रों में दिग्विजय कांग्रेस उम्मीदवारों के नाम सहमति जताकर अपने समर्थकों को उपकृत करते रहे हैं। अब वर्चुअल मीटिंग में कमलनाथ की नाराजगी को लेकर दिग्विजय सिंह ने भी कहा कि मैं भी कमलनाथ की बात से सहमत हूं। बिना एजेंडे के बैठकें बुला ली जाती हैं। वॉट्सएप पर भेजे एजेंडा पर उन्होंने कहा कि अध्यक्ष से कुछ मिनट पहले ही एजेंडा मिला है। अब मैं मोबाइल से मीटिंग में जुड़ा हूं तो एजेंडा कैसे देखूं। पूर्व सांसद एवं कांग्रेस संगठन में कई पदों पर काम कर चुकी कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री मीनाक्षी नटराजन ने भी कमलनाथ और दिग्विजय सिंह की बात का समर्थन किया। इस मामले में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने अपनी सफाई देते हुए कहा कि मैं सभी वरिष्ठ नेताओं की राय लेकर ही कोई निर्णय लेता हूं।
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