Restrictions: कटरा (जम्मू-कश्मीर) | भारत में प्याज को रसोई का अभिन्न हिस्सा माना जाता है। चाहे सब्जी बनानी हो, दाल में तड़का लगाना हो या चटनी तैयार करनी हो, प्याज के बिना स्वाद अधूरा माना जाता है। लेकिन कटरा—aजम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में स्थित एक ऐसा धार्मिक शहर है जहाँ प्याज और लहसुन पूरी तरह प्रतिबंधित हैं।
माता वैष्णो देवी यात्रा का प्रवेश द्वार
कटरा वही स्थान है जहाँ से माता वैष्णो देवी की पवित्र यात्रा की शुरुआत होती है। लाखों श्रद्धालु देश-विदेश से यहां आते हैं और यह धार्मिक नगरी उनकी आस्था और श्रद्धा का प्रमुख केंद्र है। इसी धार्मिक पृष्ठभूमि को ध्यान में रखते हुए, यहां की स्थानीय प्रशासन और समुदाय ने प्याज और लहसुन पर पूर्ण रोक लगा रखी है।
तामसिक भोजन से परहेज की परंपरा
हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, प्याज और लहसुन को तामसिक भोजन की श्रेणी में रखा गया है, जो पूजा-पाठ, व्रत और धार्मिक क्रियाओं के समय वर्जित माना जाता है। कटरा को पूरी तरह सात्विक रखने के उद्देश्य से यहां न तो प्याज उगाई जाती है, न ही बेची या परोसी जाती है।
कैसा है यहाँ का भोजन?
हालांकि प्याज-लहसुन की अनुपस्थिति से कोई समझे कि भोजन बेस्वाद होगा, तो यह एक भ्रांति है। कटरा के रेस्टोरेंट और ढाबों में बिना प्याज-लहसुन के स्वादिष्ट सात्विक भोजन परोसा जाता है, जो न केवल श्रद्धालुओं की आस्था बल्कि स्वाद का भी ध्यान रखता है।
सरकार और जनता का सहयोग
इस परंपरा को बनाए रखने में प्रशासन और स्थानीय लोगों का अहम योगदान है। दुकानदारों का कहना है कि कभी-कभी बाहरी पर्यटक प्याज मांगते हैं, लेकिन वे श्रद्धापूर्वक मना कर देते हैं और सात्विक विकल्प सुझाते हैं।
आस्था का अनूठा उदाहरण
कटरा, भारत का वह इकलौता शहर है जिसने श्रद्धा के नाम पर प्याज जैसी आम चीज का त्याग किया है। यह शहर न केवल माता वैष्णो देवी का प्रवेश द्वार है, बल्कि आस्था, अनुशासन और परंपरा का प्रेरणादायक प्रतीक भी है।
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