कैबिनेट में आने वाला है प्रस्ताव
Sarkari Karamchari – उत्तराखंड में चिकित्सा क्षेत्र के विशेषज्ञ और कर्मचारियों के लिए एक प्रोत्साहन सूचना है। पुष्कर सिंह धामी की सरकार ने डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति आयु को 5 वर्ष बढ़ाने की घोषणा की है, जिससे डॉक्टर 60 वर्ष की बजाय 65 वर्ष तक कार्यरत रहेंगे। साथ ही, इन चिकित्सकों के लिए एक अलग कैडर की स्थापना की जा रही है, जिसे अगली कैबिनेट बैठक में मंजूरी दी जाएगी।
सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाने के प्रस्ताव पर विचार | Sarkari Karamchari
शनिवार को स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने अपने नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की। इस बैठक में विभिन्न विषयों पर चर्चा हुई, जैसे कि प्रदेश में विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी को पूरा करने हेतु एक अलग कैडर की स्थापना, और सेवानिवृत्ति की आयु 60 से 65 वर्ष तक बढ़ाने के प्रस्ताव पर विचार किया गया। इस निर्णय की प्रक्रिया तेजी से अग्रसर है और अगले हफ्ते में विभागीय अधिकारी इसे राज्य सरकार के समक्ष प्रस्तुत करेंगे, ताकि यह आगामी कैबिनेट बैठक में समीक्षित हो सके। एक बार मंजूरी प्राप्त होने पर, इसे क्रियान्वित किया जाएगा।Also Read – Lakshadweep Facts – ऐसा द्वीप जहाँ कुत्ते और सांप नहीं बल्कि पाई जाती है एक ख़ास गाय
बैठक में राजकीय मेडिकल कॉलेज में प्रोफेसरों की भर्ती के संबंध में फैसला लिया गया है कि अब उनकी अधिकतम आयु सीमा 50 से 62 वर्ष तक होगी और अधिवर्षता की आयु 65 वर्ष की होगी। साथ ही, तकनीकी संवर्ग के 1300 पदों पर भर्ती हेतु भी स्वीकृति मिली है, जिसका प्रस्ताव आने वाली कैबिनेट बैठक में रखा जाएगा। पहले, कैबिनेट ने 250 पदों की भर्ती की मंजूरी दी थी, लेकिन तकनीशियों की अधिकता के चलते अब सभी 1300 पदों पर भर्ती का निर्णय लिया गया है। इसके लिए विभाग के अधिकारियों को सभी पदों के लिए प्रस्ताव तैयार करने और स्वीकृति प्राप्त करने के निर्देश दिए गए हैं।
1300 पदों पर भर्ती और वेतन वृद्धि | Sarkari Karamchari
बैठक में चिकित्सकों की रिक्त पदों पर नियत वेतनमान और एमबीबीएस चिकित्सकों के पीजी कोर्स संबंधी अस्थायी पदों को विकल्प के रूप में मान्यता दी गई है। विभिन्न राजकीय मेडिकल कॉलेजों में 156 पदों, जिसमें 53 प्रोफेसर और 103 एसोसिएट प्रोफेसर की भर्ती के निर्णय पर सहमति बनी है। इसे लेकर उच्च स्तरीय बैठक में तय किया गया कि न्यूनतम आयु सीमा 62 वर्ष होनी चाहिए। इस निर्णय को चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा राज्य को प्रस्तुत किया जाएगा। साथ ही, राजकीय मेडिकल कॉलेजों में सुपर स्पेशियलिटी विभागों के पदों के वेतनमान में वृद्धि का निर्णय भी लिया गया है। Also Read – Kheti Kisani – अपने पशुओं के लिए किसान पराली और आलू से बना सकते हैं चारा
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