इन दिनों काफी सुर्ख़ियों में है ये लक्षद्वीप
Lakshadweep Facts – हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लक्षद्वीप का दौरा किया और वहां की प्राकृतिक सुंदरता की तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा की। वे भारतीय पर्यटकों को इस अद्वितीय स्थल की दिशा में आमंत्रित करते हैं। लक्षद्वीप, भारत के सबसे छोटे केंद्र-शासित प्रदेश में, अपनी अनूठी पहचान रखता है। खानपान से लेकर रहन-सहन और संस्कृति तक, इसे भारत के अन्य राज्यों से अलग देखा जा सकता है।
36 छोटे द्वीपों से हुआ निर्माण | Lakshadweep Facts
लक्षद्वीप, जिसका निर्माण 36 छोटे द्वीपों से हुआ है, की कुल जनसंख्या लगभग 64000 है। इस क्षेत्र में से 96 फीसदी जनता मुसलमान है। यह क्षेत्रफल मात्र 32 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है, जो कि मालदीव के क्षेत्रफल से लगभग 10 गुणा छोटा है।
लक्षद्वीप में कुल 32 आइलैंड हैं, परंतु इसके केवल दस आइलैंड पर वासिवत की जाती है। इनमें कवाराट्टी, अगाट्टी, अमिनी, कदमत, किलातन, चेतलाट, बिट्रा, आनदोह, कल्पनी और मिनिकॉय शामिल हैं। कई ऐसे आइलैंड हैं जहां लोगों की संख्या 100 से भी कम है, और कवाराट्टी इस क्षेत्र की प्रमुख आधारिक जगह है।Also Read – Hindi GK Question – अगर आप भी हैं हिंदी के विद्वान तो बताएं ‘प्रख्यात’ और ‘विख्यात’ में अंतर
मलयालम भाषा का इस्तेमाल
लक्षद्वीप में आमतौर पर मलयालम भाषा का इस्तेमाल होता है। कुछ लोग धिवेही भाषा भी बोलते हैं, जो मालदीव में भी प्रचलित है। लक्षद्वीप वासियों की प्रमुख आय मुख्यत: समुद्री संसाधनों से होती है, जैसे कि पर्यटन, मछली पकड़ना और नारियल की खेती जैसी गतिविधियां।
एक केंद्र शासित प्रदेश | Lakshadweep Facts
लक्षद्वीप भारत का एक केंद्र शासित प्रदेश है और प्रफुल्ल पटेल इसके प्रशासक हैं। इसका राष्ट्रीय स्वरूप सामरिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है, जिसके कारण यहां भारतीय नौसेना का एक बेस स्थापित है। लक्षद्वीप की खासियत अनेक विशेषताओं से भी प्रकट होती है, जैसे कि यहां 600 से अधिक मछली की प्रजातियां हैं और 78 से अधिक कोरल प्रजातियां मौजूद हैं।
पहले किस नाम से जाना जाता था ये द्वीप
1956 में नाम के परिवर्तन से पहले, इस प्रदेश को “लक्कादीव” के नाम से जाना जाता था। लक्षद्वीप एक ऐसा स्थान है जहां सांप और कुत्ते की जैसी प्रजातियां नहीं हैं। यहां आने वाले पर्यटक अपने पालतू जानवरों को लाने की अनुमति नहीं प्राप्त कर सकते। कवाराटी द्वीप पर तो कौवे भी उपस्थित नहीं हैं। इस क्षेत्र में बहुत सारी बिल्लियां और चूहे हैं। इसे ‘रेबीज फ्री’ स्थिति का दर्जा प्राप्त है।
तितली प्रजाति की मछली | Lakshadweep Facts
लक्षद्वीप में, तितली मछली एक प्रमुख प्रजाति की जल्दी है। यहां प्रकारों में लगभग आधा दर्जन से ज्यादा तितली मछलियां मौजूद हैं। साथ ही, सूटी टर्न यहां का प्रमुख पक्षी है और ब्रेड फ्रूट यहां का राजकीय पेड़ है।
द्वीप को ख़ास बनाती है ये बात
लक्षद्वीप को विशेष बनाने वाली एक अन्य बात है कि यहां साइरेनिया, यानी ‘समुद्री गाय’ देखने को मिलती है, जो अब बहुत कमांकित हो चुकी है और केवल कुछ ही स्थलों पर मौजूद है।Also Read – Shivraj Singh Chauhan – पूर्व सीएम ने किसे दी चुनौती ‘कोई रोकेगा तो मैं देख लूंगा’
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