Shining luck: पन्ना (मध्यप्रदेश)। हीरों की नगरी पन्ना में किस्मत ने एक बार फिर किसानों पर मेहरबानी दिखाई है। जिले के भमका उथली हीरा खदान क्षेत्र में शुक्रवार को 6 किसानों की टीम को एक साथ 5 हीरे मिले, जिनकी कुल कीमत करीब ₹12 लाख आंकी गई है। इनमें से 3 हीरे जेम्स क्वालिटी के बताए जा रहे हैं। सभी हीरे हीरा कार्यालय में जमा करा दिए गए हैं, जिन्हें आगामी नीलामी में रखा जाएगा।
🔹 जून में लिया था पट्टा, अब मेहनत लाई रंग
सिरस्वाहा गांव के किसान बृजेन्द्र कुमार शर्मा ने बताया कि उन्होंने अपने साथियों विनोद ओमरे, रामकरण नायक, सूर्यभान सिंह, गुलाब सिंह और पुष्पेन्द्र पाठक के साथ जून में भमका क्षेत्र में खदान का पट्टा लिया था।
लगातार मेहनत के बाद शुक्रवार को किस्मत चमकी और एक साथ 5 हीरे हाथ लगे।
बृजेन्द्र ने बताया, “हम सब किसान हैं। हीरे मिलना हमारे लिए किसी सपने के सच होने जैसा है। नीलामी की राशि से हम अपनी आर्थिक स्थिति सुधारेंगे और बच्चों की पढ़ाई पर खर्च करेंगे।”
🔹 5 हीरे, कुल वजन 5.79 कैरेट
हीरा पारखी अनुपम सिंह के अनुसार, मिले हीरों का वजन इस प्रकार है —
- 0.74 कैरेट
- 2.29 कैरेट
- 0.77 कैरेट
- 1.08 कैरेट
- 0.91 कैरेट
कुल वजन 5.79 कैरेट है। इनमें से 3 हीरे जेम्स क्वालिटी के हैं, जिनकी बाजार में ऊंची कीमत मिलने की संभावना है।
🔹 सरकारी और निजी पट्टे की प्रक्रिया
पन्ना में हीरा खदान के लिए सरकारी जमीन का पट्टा पाने हेतु आवेदन, फोटो, आधार कार्ड और ₹200 का चालान जमा करना होता है।
जबकि निजी जमीन में खदान चलाने के लिए जमीन मालिक की सहमति, समझौता पत्र और किरायानामा जरूरी है।
सभी औपचारिकताओं के बाद 8×8 मीटर का पट्टा जारी किया जाता है।
🔹 हीरे की तलाश की कठिन प्रक्रिया
पट्टा मिलने के बाद खदान में मिट्टी छानना, धोना और सुखाकर छनाई करना होता है।
इसी प्रक्रिया में हीरे निकलते हैं, जो मेहनत और किस्मत दोनों का मेल होते हैं।
🔹 नीलामी से पहले सरकारी राजस्व
मिले हीरे को हीरा कार्यालय में जमा कराना अनिवार्य है।
नीलामी में तय मूल्य का 12% हिस्सा सरकार राजस्व के रूप में काटती है —
जिसमें 11% रॉयल्टी और 1% TDS शामिल है।
बाकी राशि हीरा खोजने वालों को दी जाती है।
🔹 पन्ना की ऐतिहासिक हीरा नीलामी परंपरा
पन्ना में 1961 से हीरा नीलामी की प्रक्रिया चल रही है।
यहां से गुजरात, मुंबई, दिल्ली और हैदराबाद जैसे शहरों के व्यापारी हीरे खरीदने आते हैं।
हीरा खोजने वाले को ‘तुआदार’ कहा जाता है, जो हीरा परीक्षण के बाद नीलामी में हिस्सा लेता है।
साभार…
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