Solar eclipse: नए साल 2025 का आगमन हो चुका है, और इसके साथ ही खगोलीय घटनाओं को लेकर लोगों में खास दिलचस्पी देखने को मिल रही है। साल 2025 में कुल चार ग्रहण होंगे, जिनमें 2 सूर्य ग्रहण और 2 चंद्र ग्रहण शामिल हैं। सूर्य ग्रहण हमेशा से वैज्ञानिक, ज्योतिषीय और धार्मिक दृष्टिकोण से चर्चा का विषय रहा है।
पहला सूर्य ग्रहण: 29 मार्च 2025
- प्रकार: आंशिक सूर्य ग्रहण
- समय (भारतीय समयानुसार):
- शुरू: दोपहर 2:20 बजे
- समाप्त: शाम 6:13 बजे
- भारत में दृश्यता: यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा।
- दृश्यता के क्षेत्र: उत्तरी अमेरिका, ग्रीनलैंड, आइसलैंड, उत्तरी अटलांटिक महासागर, यूरोप और उत्तर-पश्चिमी रूस।
- यह सूर्य ग्रहण हिंदू नववर्ष से एक दिन पहले लगेगा। हिंदू नववर्ष 30 मार्च 2025 को चैत्र महीने के साथ शुरू होगा, जिसे गुड़ी पड़वा के नाम से भी जाना जाता है।
दूसरा सूर्य ग्रहण: 21-22 सितंबर 2025
- प्रकार: आंशिक सूर्य ग्रहण
- समय (भारतीय समयानुसार):
- शुरू: 21 सितंबर की रात 10:59 बजे
- समाप्त: 22 सितंबर की तड़के 3:23 बजे
- भारत में दृश्यता: यह ग्रहण भी भारत में दिखाई नहीं देगा।
- दृश्यता के क्षेत्र: यह ग्रहण दुनिया के अन्य हिस्सों में देखा जा सकेगा।
सूर्य ग्रहण का महत्व
- वैज्ञानिक दृष्टि से सूर्य ग्रहण ब्रह्मांडीय गतिविधियों को समझने का एक अनोखा अवसर है।
- ज्योतिषीय दृष्टिकोण से, ग्रहण का प्रभाव राशियों और मानव जीवन पर पड़ता है।
- धार्मिक दृष्टि से, ग्रहण के दौरान विशेष नियमों और परंपराओं का पालन किया जाता है, जैसे कि भोजन और पूजा से परहेज।
ध्यान देने योग्य बातें
- ग्रहण को देखने के लिए हमेशा विशेष सुरक्षा उपाय अपनाने चाहिए।
- ग्रहण को खुली आंखों से देखने से बचना चाहिए।
- धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भारत में दृश्यता न होने वाले ग्रहणों का कोई विशेष धार्मिक प्रभाव नहीं होता।
साल 2025 के इन ग्रहणों को समझना और वैज्ञानिक दृष्टि से उनकी जानकारी रखना न केवल ज्ञानवर्धक है, बल्कि खगोलीय घटनाओं के प्रति जागरूकता बढ़ाने में भी सहायक है।
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