Stonewalling: छिंदवाड़ा । परंपरा के नाम पर हर साल खेले जाने वाले गोटमार मेले में शनिवार को एक बार फिर खूनी खेल देखने को मिला। सुबह करीब 10 बजे जाम नदी पर पांढुर्णा और सावरगांव के लोगों ने एक-दूसरे पर पत्थर फेंकना शुरू किया। दोपहर 12 बजे तक 42 लोग घायल हो चुके थे।
प्रशासन की तैयारी
- घायलों के इलाज के लिए 6 अस्थाई स्वास्थ्य केंद्र बनाए गए हैं।
- 58 डॉक्टर और 200 मेडिकल स्टाफ मौके पर तैनात हैं।
- सुरक्षा व्यवस्था संभालने 600 पुलिसकर्मी लगाए गए हैं।
- कलेक्टर अजय देव शर्मा ने एहतियातन धारा 144 लागू कर दी है।
पिछली घटनाएँ और हताहत
गोटमार मेले के दौरान 1955 से 2023 तक कुल 13 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें एक ही परिवार के तीन सदस्य भी शामिल हैं। पत्थरबाजी से कई लोग आंखों की रोशनी, हाथ या पैर तक गंवा चुके हैं। बावजूद इसके, परंपरा कहकर यह मेला हर साल जोश के साथ आयोजित होता है।
पीड़ित परिवारों का दर्द
जिन परिवारों ने अपनों को खोया, उनके लिए यह दिन शोक का दिन बन चुका है। पांढुर्णा थाना प्रभारी अजय मरकाम के मुताबिक, अब तक किसी भी पीड़ित ने थाने में शिकायत दर्ज नहीं कराई है। इसी वजह से मेले से जुड़े मामलों में कोई केस दर्ज नहीं हो सका।
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