Story: कावेरी ढीमर की कहानी संघर्ष, मेहनत और सफलता का बेहतरीन उदाहरण है। एक मछुआरा परिवार से निकलकर भारतीय नौसेना में अफसर बनने तक का सफर आसान नहीं था, लेकिन उन्होंने अपने हौसले और मेहनत से यह साबित कर दिया कि परिस्थितियां चाहे कैसी भी हों, अगर इरादा मजबूत हो तो हर सपना पूरा किया जा सकता है।
- बैकवाटर से नेवी तक – इंदिरा सागर बैकवाटर में नाव चलाने और मछली पकड़ने से लेकर इंटरनेशनल केनोइंग चैंपियन बनने तक का सफर किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं लगता।
- खेल के जरिए पहचान – 14 साल की उम्र में गोल्ड मेडल जीतने से लेकर थाइलैंड, जापान, चीन, जर्मनी और उज्बेकिस्तान जैसी कई इंटरनेशनल चैंपियनशिप में भाग लेना उनकी लगन और टैलेंट को दिखाता है।
- नेवी में चयन – खेल कोटे से भारतीय नौसेना में पेटी अफसर के पद पर सिलेक्शन होना उनके लिए ही नहीं, बल्कि पूरे मछुआरा समुदाय के लिए गर्व की बात है।
- परिवार का संघर्ष – नौ भाई-बहनों वाले परिवार में आर्थिक तंगी और कर्ज के बावजूद उन्होंने अपने पिता के साथ काम किया और नाव चलाते हुए अपने सपनों को भी पूरा किया।
प्रेरणा देने वाली कहानी
कावेरी की यह यात्रा उन लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा है जो सीमित संसाधनों के बावजूद अपने सपनों को पाने की कोशिश कर रहे हैं। उनकी यह सफलता साबित करती है कि मेहनत, जुनून और सही दिशा में प्रयास से कुछ भी हासिल किया जा सकता है।
source internet… साभार….
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