Svalbard नॉर्वे का एक आर्कटिक द्वीप है, जो अपनी बर्फीली वादियों, उत्तरी रोशनी और रहस्यमयी नियमों के लिए मशहूर है। यहां एक बार आने के बाद वापस लौटने का मन नहीं करता — और इसका एक बड़ा कारण है इसकी अनोखी व्यवस्था। यहां आने के लिए किसी वीजा की जरूरत नहीं होती, लेकिन यहां रहने के लिए सख्त कानूनों का पालन ज़रूरी है। पर जो बात सबसे चौंकाने वाली है, वो ये कि Svalbard में बच्चों का जन्म लेना और लोगों का मरना “गैरकानूनी” माना जाता है।
❄️ क्यों नहीं मर सकते लोग Svalbard में?
Svalbard में तापमान इतना कम होता है कि यदि कोई व्यक्ति मर जाए तो उसका शरीर सड़ता-गलता नहीं है, बल्कि बर्फ में सदियों तक सुरक्षित बना रहता है। अगर मौत किसी संक्रामक बीमारी से हुई हो, तो उस वायरस के सालों बाद भी जिंदा रहने का खतरा होता है।
इस कारण:
- यहां दफनाने की अनुमति नहीं दी जाती।
- गंभीर रूप से बीमार लोगों को मुख्य भूमि भेज दिया जाता है।
- गर्भवती महिलाओं को भी प्रसव से पहले Svalbard छोड़ना होता है।
यह न केवल स्वास्थ कारणों से, बल्कि वहां की प्राकृतिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए एक अनिवार्य कदम है।
🌌 एक स्वर्ग, लेकिन अपने नियमों के साथ
Svalbard जितना सुंदर है, उतना ही संवेदनशील भी। इसकी प्राकृतिक संरचना और कानून इसे दुनिया की सबसे अनोखी जगहों में शुमार करते हैं। यह वो जगह है, जहां जिंदगी जी तो जा सकती है, लेकिन बेहद समझदारी और सतर्कता के साथ।
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